Memory Loss (Dementia) kya hai? #Dementia #memoryloss
What is Dementia (Memory loss) shorts in hindi.
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Dr Jagat Shankargouda, MD(Hom)
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डिमेंशिया (Dementia) क्या है?
🧠 डिमेंशिया कोई विशेष बीमारी नहीं, बल्कि लक्षणों (Syndrome) का एक समूह है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, सोचने, तर्क करने और दैनिक कार्य करने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
👉 यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट का संकेत है और धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
🔹 डिमेंशिया के मुख्य लक्षण
✔ याददाश्त कमजोर होना – हाल की घटनाएँ भूल जाना
✔ भ्रम और उलझन – समय और स्थान पहचानने में दिक्कत
✔ बोलने और समझने में परेशानी
✔ निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होना
✔ व्यवहार में बदलाव – चिड़चिड़ापन, उदासी या आक्रामकता
✔ दैनिक कार्य करने में कठिनाई – खाना बनाना, पैसे गिनना या कपड़े पहनना भी मुश्किल
🔹 डिमेंशिया के प्रमुख कारण
डिमेंशिया कई बीमारियों के कारण हो सकता है, जिनमें प्रमुख हैं:
1️⃣ अल्ज़ाइमर रोग (Alzheimer’s Disease) – सबसे आम कारण (60-70% मामलों में)
2️⃣ वास्कुलर डिमेंशिया – स्ट्रोक या रक्त प्रवाह की समस्या के कारण
3️⃣ लुई बॉडी डिमेंशिया – असामान्य प्रोटीन जमा होने से
4️⃣ फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया – मस्तिष्क के विशेष हिस्सों का सिकुड़ना
5️⃣ मिक्सड डिमेंशिया – एक से अधिक प्रकारों का संयोजन
🔹 क्या डिमेंशिया को रोका जा सकता है?
❌ डिमेंशिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपायों से इसे रोकने या धीमा करने में मदद मिल सकती है:
✔ सक्रिय जीवनशैली अपनाएँ – नियमित व्यायाम करें
✔ स्वस्थ आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार
✔ मानसिक रूप से सक्रिय रहें – पहेलियाँ हल करें, किताबें पढ़ें
✔ नींद पूरी करें – कम से कम 7-8 घंटे
✔ तनाव कम करें – योग और ध्यान करें
✔ नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ – हाई बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखें
🔹 डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर में क्या अंतर है?
डिमेंशिया एक लक्षणों का समूह है, जबकि अल्ज़ाइमर इसका सबसे सामान्य कारण है। हर अल्ज़ाइमर मरीज को डिमेंशिया होता है, लेकिन हर डिमेंशिया मरीज को अल्ज़ाइमर नहीं होता।
🔹 इलाज और देखभाल
अल्ज़ाइमर रोग (Alzheimer's Disease) क्या है?
अल्ज़ाइमर एक प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल (स्नायविक) बीमारी है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करती है, जिससे याददाश्त, सोचने और समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है। यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, जो व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।
अल्ज़ाइमर होने के कारण और जोखिम कारक
इस रोग का मुख्य कारण मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन का जमा होना है, जिससे न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाएँ) क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
मुख्य प्रोटीन:
बीटा-एमिलॉइड प्लाक्स (Beta-Amyloid Plaques) – मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच जमा होते हैं।
टाऊ टेंगल्स (Tau Tangles) – मस्तिष्क की कोशिकाओं के अंदर असामान्य रूप से गुच्छे बनते हैं।
जोखिम कारक (Risk Factors):
उम्र – 65 वर्ष से अधिक के लोगों में अधिक संभावना।
अनुवांशिकता – अगर परिवार में किसी को रहा हो, तो जोखिम बढ़ जाता है।
सिर पर चोट (Head Injury) – पुरानी चोटों से मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है।
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह – मस्तिष्क को सही तरीके से रक्त न मिलने से जोखिम बढ़ता है।
तनाव, नींद की कमी और निष्क्रिय जीवनशैली।
लक्षण (Symptoms) – तीन चरणों में
1. प्रारंभिक चरण (हल्के लक्षण)
छोटी-छोटी बातें भूलना (हाल ही की घटनाएँ, नाम, वस्तुएँ)।
निर्णय लेने और योजनाएँ बनाने में कठिनाई।
बार-बार सवाल दोहराना।
मूड बदलना (चिड़चिड़ापन, अवसाद, गुस्सा)।
2. मध्यम चरण (गंभीर लक्षण शुरू)
अपने परिवार के सदस्यों को पहचानने में कठिनाई।
बोलने और समझने में परेशानी।
रोजमर्रा के काम (खाना बनाना, नहाना, कपड़े पहनना) करने में कठिनाई।
भटकाव (घर से निकलकर रास्ता भूल जाना)।
3. अंतिम चरण (गंभीर स्थिति)
बोलने, खाने और चलने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
मरीज पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हो जाता है।
शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।
निदान (Diagnosis) – कैसे पहचाना जाता है?
अल्ज़ाइमर का कोई एक निश्चित टेस्ट नहीं है, लेकिन डॉक्टर कई तरीकों से जाँच करते हैं:
✔ याददाश्त और मानसिक क्षमता की परीक्षा
✔ ब्रेन स्कैन (MRI, CT, PET-Scan)
✔ रक्त परीक्षण और स्पाइनल फ्लूइड टेस्ट (नई रिसर्च में उपयोगी)
इलाज और प्रबंधन (Treatment & Management)
अभी तक अल्ज़ाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयाँ और जीवनशैली में बदलाव इसके लक्षणों को धीमा कर सकते हैं।
1. दवाइयाँ (Medications)
Cholinesterase inhibitors (Donepezil, Rivastigmine) – याददाश्त को सुधारने में मदद करती हैं।
NMDA receptor antagonist (Memantine) – सोचने-समझने की क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
2. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)
नियमित व्यायाम – दिमाग को सक्रिय रखता है।
संतुलित आहार – हरी सब्जियाँ, फल, अखरोट, मछली, जैतून का तेल आदि।
मानसिक व्यायाम – पहेली खेलना, किताबें पढ़ना, संगीत सुनना।
परिवार और सामाजिक संपर्क – रोगी को अकेला न छोड़ें, उससे बातचीत करते रहें।
3. देखभाल (Caregiving)
रोगी को सुरक्षित माहौल दें ताकि वह खुद को नुकसान न पहुँचाए।
धैर्य बनाए रखें और उसे समझने की कोशिश करें।
उसकी भावनाओं को महत्व दें और प्यार से पेश आएँ।
क्या अल्ज़ाइमर को रोका जा सकता है?
पूरी तरह रोकना संभव नहीं है, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है:
✔ स्वस्थ आहार लें (फल, सब्जियाँ, मेवे, मछली)।
✔ रोज़ व्यायाम करें।
✔ मानसिक रूप से सक्रिय रहें (नई चीज़ें सीखें, पहेलियाँ हल करें)।
✔ तनाव न लें और पूरी नींद लें।
✔ हृदय रोग और मधुमेह को नियंत्रित रखें।
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Mera jindagi narok bangaya 😢
How to cure fm this problem
Kaash mai past ko bhool sakta
Kaise thik hota h