Class-31 Mental Health and Hygiene | JKPSC Classes @InculcateLearning #jkpsclecturerjobs #jkpsc
हेलो नमस्कार वेलकम टू इकटate लर्निंग जेकेपीएससी की क्लासेस हैं। जी 31 क्लास है यह जिसमें हम यह यूनिट सेवंथ शुरू कर रहे हैं मेंटल हेल्थ एंड हाइजीन की। इसमें तीन क्लासेस होनी है आपकी 31 32 33 जिसमें आपके मेंटल हेल्थ हजीन में जितने भी टॉपिक्स हैं वो सारे हम कवर कर लेंगे। आज की क्लास में हम मेजरली मेंटल हेल्थ और हाइजीन का कॉनसेप्ट क्या होता है? कौन इंसान मेंटली हेल्दी है? उसकी कैरेक्टरिस्टिक क्या होंगे? फ़ैक्टर्स कौन-कौन से अफ़ेक्ट करेंगे? सिम्टम्स क्या होते हैं मेंटल इलनेस के? और कैसे जो है ये स्कूल, होम और कम्युनिटी एक रोल प्ले करेंगे मेंटल इलनेस को प्रिवेंट करने में और एक अच्छी मेंटल हेल्थ को सस्टेन करने में। ओके? सो इन सारे टॉपिक्स को आज हम डिस्कस करेंगे। दिस इज़ प्रेजेंटेड बाय मी रवीना। वीडियोस इनफेटिव लगे तो इनकल केक लर्निंग को लाइक, शेयर, सब्सक्राइब जहां आप कर सकते हैं इट्स अब्सोलुटली फ्री। और उसके साथ-साथ इसके नोट्स ऑलरेडी अवेलेबल करवा दिए हैं मैंने। आप आई होप आपने वो वीडियो देख ली हो। अगर नहीं देखी है आप नए हैं इस चैनल पे तो आप जेकेपीएससी वाली प्लेलिस्ट में जाके पहली वीडियो चेक कर सकते हो वो चीज दूसरी चीज ये क्लासेस भी अभी जल्दी डल जाएंगी एंड एक एक स्टूडेंट का शायद कोई तो मुझे फीडबैक मिला है टीम की तरफ से कि एक स्टूडेंट ने ये बोला कि जो एजुकेशन कमीशन है यानी कि नाइंथ यूनिट का जो एक पार्ट है उसमें मैम ने कम जो है इनेशन ऐड ऑन कर रखी है। सो देखो बात ऐसी है मैंने जितनी इंफॉर्मेशन आपके नोट्स में ऐड की है वो या जितनी आपकी यहां पे मैं करवा रही हूं पीपीटीस में वो मोर देन इनफ है आपके लिए क्योंकि अगर मैंने एजुकेशन कमीशन में एक स्लाइड ही डाली है दैट मींस उस स्लाइड से क्वेश्चंस ज्यादा बनते हैं पहली चीज दूसरी चीज बाकी वीडियोस जो मैंने ऐड ऑन कर रखी हैं आपकी प्लेलिस्ट में आपको वो चेक करनी है देखनी है भाई सारी वीडियोस मिला के ही आपका सिलेबस कंप्लीट माना जाएगा ऐसा मत सोचिए कि अच्छा मैंने 39 39 क्लासेस करवा दी। तो इसके अलावा जो एडिशनल वीडियो डाल रखी है वो आप नहीं देखेंगे और आपका सिलेबस कंप्लीट हो जाएगा। ओके? और एक और चीज जब आप कोई भी एजुकेशन कमीशन हो कोई भी कमीशन हो उसकी अलग से एक पीडीएफ भी आपको मिल जाती है रिपोर्ट की। तो अगर और डिटेल में देखना है तो ऐसे तो मैं वो पूरी की पूरी रिपोर्ट कॉपी कर दूं आपके लिए। बट एकेंस भी तो होती है ना कि किस तरीके का क्वेश्चन यहां से आता है। और दूसरा जो भी बच्चे नोट्स ले रहे हैं वो प्लीज ये सारी क्लासेस देखिए। क्योंकि ये सारी क्लासेस के थ्रू ही आपको समझ आएगा कि ये जो पीपीटीस हैं इनमें क्या लिखा हुआ है। अगर आपने सिर्फ पीपीटीस ले ली यानी पीडीएफ की फॉर्म में ये पीपीटीस या ये मटेरियल ले लिया ये नोट्स ले लिए तो भी आपको कई बार क्योंकि मैंने क्या नोट्स क्या सोच के नोट्स बनाए हैं वो आपको तभी तो समझ आएगा जब आप वीडियो देखोगे। ओके? सो इट्स बेटर कि जो जो बच्चे नोट्स अगर ले रहे हैं या जो खुद के भी बना रहे हैं सो वो वीडियो को प्रॉपर ढंग से देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि किस पॉइंट ऑफ व्यू से वो टॉपिक ऐड ऑन किया गया है। ओके और एक जिन्होंने नोट्स ऑलरेडी ले लिए हैं। आई थिंक अचीवमेंट टेस्ट और एक और ऐपटीट्यूड टेस्ट उससे रिलेटेड इनफार्मेशन डालना स्किप हो गया मेरे से। सो वो दो स्लाइड्स आपको खाली मिले हो सकता है। बट मैं आगे जब क्लासेस करवाऊंगी तो उसमें ऐड कर दूंगी। सो वो चीज आप यहां से नोट डाउन कर लीजिएगा। ओके। सो दिस इज़ प्रेजेंटेड बाय मी रवीना। एक बार अब क्लास शुरू करते हैं। मेंटल हेल्थ और हाइजीन की बात कर लेते हैं। ओके। सो देखो इजी सा टॉपिक है टेक्निकली। तो अगर आप डीपर लेवल पे जाते जाओगे और और कॉम्प्लिकेट करोगे तो आपको हो सकता है कंफ्यूजन हो जाए। बट मेंटल हेल्थ और हाइजीन की जब आप बात करते हो देखो हाइजीन रखना किसको बोलते हैं? साफ सफाई रखना ना। सो ये मेंटल लेवल पे हाइजीन रखना है कि अच्छा कुछ आपको नेगेटिव नहीं सोचना है, स्ट्रेस नहीं लेना है, फालतू की चीजें नहीं करनी है, नहीं सोचनी है, किसी का बुरा नहीं सोचना है। सो वो एक पॉजिटिव आस्पेक्ट अगर आप एक पॉजिटिव ऐपटीट्यूड एटीट्यूड रखेंगे सो वो आपकी मेंटल हाइजीन को जो है वो वो मेंटल हाइजीन मेंटेन रखेगा। यूजुअली दो क्वेश्चन आए हुए हैं नेट में। एक में तो बोला गया था कि मेंटल हजीन जो है एम ई एन मेंटल हाइजीन इज अ प्रोसेस एंड मेंटल हेल्थ इज अ प्रोडक्ट यानी कि आप हाइजीन मेंटेन करोगे तो आपकी मेंटल हेल्थ भी सही रहेगी। ठीक है? ये चीज़ आपको ध्यान रखनी है। दूसरा इस स्टेटमेंट के हिसाब से हमें ये लगेगा कि मेंटल हाइजीन इज़ अ पार्ट ऑफ़ मेंटल हेल्थ। बट कहीं ना कहीं पे एक स्टेटमेंट आया हुआ है नेट के पेपर में और उसको उन्होंने करेक्ट माना है जिसमें वो बोल रहे थे कि मेंटल हेल्थ इज अ पार्ट ऑफ मेंटल हाइजीन। सो आप टेक्निकली मान के चलो कि दोनों ही एक दूसरे का पार्ट हैं। मेंटल हेल्थ को हम चेंज यूजुअली एक प्रोसेस की तरह लेके चलते हैं। और वो प्रोसेस अगर आपने सही से फॉलो किया। सो एज अ प्रोडक्ट मेंटल हेल्थ आपकी अच्छी रहेगी। ओके जी? सो ये दो चीजें आपको याद रखनी है। हेल्थ की जब आप बात करते हो तो हेल्थ में हम सारी चीजों को इंक्लूड करते हैं। फिजिकल, मेंटल, सोशल, स्पिरिचुअल यानी जब आप हर आस्पेक्ट पे, हर फ्रंट पे अच्छा फील कर रहे होते हो। कोई इंसान वेल फील कर रहा है सो वो हेल्दी है। ओके? सो मेंटल हेल्थ भी एक कॉम्पोनेंट जो है वो ब्रॉड टर्म में हेल्थ के अंडर आ जाता है। सो हेल्थ क्या हो गई? डब्ल्यूho के अकॉर्डिंग अ स्टेट ऑफ़ कंप्लीट, फिजिकल, मेंटल, सोशल वेल बीइंग। इसके साथ-साथ नॉट मेयरली द एब्सेंस ऑफ डिजीज। ठीक है? यानी कि आपको कोई बीमारी नहीं है। दैट डजंट मीन कि आप हेल्दी हो। बट अगर आप फिजिकल लेवल पे, मेंटल लेवल पे, सोशल लेवल पे हर लेवल पे अच्छा फील कर रहे हो, वेल बीइंग है तो जाके आप हेल्दी माने जाओगे। ठीक है जी? इस स्टेटमेंट के अलाइनमेंट में हम ये देख सकते हैं कि गुड मेंटल हेल्थ जो है इज़ मच मोर देन द मियर लैक ऑफ़ मेंटल डिसऑर्डर। सो सिर्फ मेंटल डिसऑर्डर नहीं है, कोई दिक्कत नहीं है। दैट डजंट मीन कि आप मेंटली हेल्दी हो। नॉर्मली आप स्ट्रेस ले रहे हो, कोई दिक्कत हो। मतलब कोई वैसे ही चीजें फील कर रहे हो। आपको समझ नहीं आ रहा है या एंजायटी फील कर रहे हो। दैट इज़ आल्सो अ पार्ट ऑफ़ मेंटल हेल्थ। यानी आप ठीक नहीं है। तो सिर्फ कोई बीमारी ना होना, कोई डिसऑर्डर ना होना ये साबित नहीं करता कि आप अच्छी मेंटल हेल्थ से आते हैं। ठीक है? सो ओवरऑल इसकी कॉम्पोनेंट में हेल्थ के कॉम्पोनेंट में ये सारी चीजें आ जाएंगी। फिजिकल, साइकोलॉजिकल, इमोशनल, सोशल, स्पिरिचुअल जितने भी वर्ड्स आपके ध्यान में आए वो सारे के सारे जो है वो इंटरकनेक्टेड हेल्थ के अंडर नजर आएंगे। रही बात मेंटल हाइजीन की सो वो भी क्लोजली रिलेटेड मानी जाती है। हाइजीन जो है आप किससे रेफर कर रहे हो टू कीपिंग वनसेल्फ एंड वंस लिविंग एंड वर्किंग एरिया नीट एंड क्लीन। ताकि बीमारियां इलनेस या डिजीज वगैरह ना हो। सो वो हाइजीन मानते हैं। लेकिन जब मैंने वर्ड मेंटल यूज़ कर दिया इसके साथ तो थोड़ा सा सिनेरियो चेंज हो गया। उसमें फिर हम एक पॉजिटिव मेंटल हेल्थ को प्रमोट करने वाले एनवायरमेंट की बात करते हैं। विलियम स्विटसर ने जो है ये नाम दिया है सबसे पहले मेंटल हाइजीन। ये बात आप याद रख सकते हो। साइंस ऑफ़ मेंटेनिंग मेंटल हेल्थ यानी मेंटल हेल्थ को मेंटेन करने के लिए जिस प्रोसेस से आप गुजरते हो दैट इज़ मेंटल हाइजीन। ओके? एंड प्रिवेंटिंग द डेवलपमेंट ऑफ जितनी भी दिक्कतें हैं, जितने भी अदर मेंटल डिसऑर्डर्स हैं, साइकोसिस, न्यूरोसिस आपके सिलेबस में स्पेशली भी दिखाया गया है, मेंशन किया गया है। अदरवाइज़ जितने भी मेंटल डिसऑर्डर्स हैं, जब आप उनको प्रिवेंट करते हो और एक साइंस जो आप उसके पीछे देखते हो मेंटल हेल्थ को पीछे मेंटेन करने के लिए दैट इज़ मेंटल हाइजीन। ओके जी। मेन ऑब्जेक्टिव क्या रहेगा मेंटल हाइजीन का? आप अपनी पोटेंशियल को रियलाइज़ करें। तो क्या पोटेंशियल है आपका? उसको रियलाइज़ करने में हेल्प करना। सेल्फ रिस्पेक्ट और दूसरों के लिए भी रिस्पेक्ट डेवलप करना। सो ये मेंटल हजीन क्योंकि आप जब खुद की रिस्पेक्ट करेंगे, दूसरों की रिस्पेक्ट करेंगे, अपने पोटेंशियल के बारे में जानेंगे, अपने लिमिटेशंस के बारे में जानेंगे, दूसरों की लिमिटेशंस को टोलरेट करना भी जानेंगे। ठीक है? हार्मोनियस डेवलपमेंट जो है वो रहेगा, हैप्पीनेस क्रिएट होगी। यानी अच्छी-अच्छी चीजें। तो जितनी भी बढ़िया-बढ़ चीजें हैं वो आपको ध्यान रखनी है। आपको स्टेटमेंट पढ़ते ही समझ आ जाना चाहिए कि क्या ये मेंटल हेल्थ को या मेंटल हजीन जो है इसमें दिख रही है, सपोर्ट कर रहा है नहीं कर रहा है। सो वो चीज आपको दिखनी चाहिए। तो अपने आप के बारे में जानना, दूसरों के बारे में जानना, इफेक्टिवली एडजस्ट कर पाना सिचुएशन से रिलेटेड हैप्पी रहना, पॉजिटिव सोचना, खुद की रिस्पेक्ट करना, दूसरों की रिस्पेक्ट करना। तो ये सारी चीजें मेंटल हाइजीन के ऑब्जेक्टिव्स में आ जाएंगी। ओके? चार इंपॉर्टेंट फंक्शन जो है हम यूजुअली इसके मान के चलते हैं। पहला है प्रिवेंट करना। प्रिवेंटिव नेचर में होगी यह। यानी कि कोई भी दिक्कत मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम जो अराइज़ हो उससे पहले ही उसको ठीक कर लेना। तो ऐसे प्रोग्राम्स को डेवलप करना। तो यानी आप प्रिवेंट कर रहे हो मेंटल हेल्थ बिगड़ने से पहले ही चीजों को ठीक करने की कोशिश कर रहे हो कि ठीक ही रहे। ओके? देन है क्रिएटिव अनदर। ये यहां पे ना आई थिंक नोट्स जिन्होंने लिए हैं यहां मेंटल हाइजीन की जगह मेंटल इलनेस वर्ड चला गया। गया आई थिंक तो वो ठीक कर लीजिएगा। सो दूसरा फंक्शन क्या है मेंटल हजीन का कि ऐसे प्रोग्राम्स डेवलप करना जैसे काउंसलिंग है, साइकोथरेपी ताकि अगर किसी को दिक्कत हो गई है तो उसको ठीक किया जा सके। यानी पहले तो आप दिक्कत को प्रिवेंट करो कि हो ही ना मेंटल लेवल पे कोई दिक्कत। दूसरा अगर हो गई है तो कुछ क्रिएटिवली अच्छे प्रोग्राम्स जो है वो आप लेके आओ। तीसरा प्रिजर्व करके रखना। क्योंकि सभी के सभी लोग जो है वो मेंटली इल नहीं है। तो जो ठीक हैं उनको भी प्रिजर्व उनकी साउंड मेंटल हेल्थ को प्रिजर्व करके रखना। ऐसे प्रोग्राम होने चाहिए और फिर फोर्थ है ट्रेन करना एक सेट ऑफ़ पर्सनल्स को ताकि जिनको दिक्कत हो रही है उनकी हेल्प की जा सके। ठीक है जी। देन मेंटल हेल्थ के इंडिकेटर्स क्या हैं? पॉजिटिव एटीट्यूड। अपने आप के प्रति दूसरों के प्रति ग्रोथ एंड डेवलपमेंट या एबिलिटी फॉर सेल्फ एक्चुअलाइज़ेशन। यानी आप सेल्फ एक्चुअलाइज़ कर पा रहे हो। तो आप अपने आप को भी जानते हो, सोचते हो चीजों के बारे में वो रहेगा। देन इंटीग्रेशन। ठीक है? इसके अंदर सारी की सारी चीजें आ जाएंगी। आपकी जो एबिलिटीज़ हैं कि आप किस तरीके से या किस नज़रिए से चीजों को देखते हो। तो आपको इंटीग्रेट करके चलना है कि अच्छा आपकी लाइफ की फिलॉसफी क्या है या आप स्ट्रेसफुल सिचुएशनंस में कैसे रिएक्ट करते हो। सो वो सारी चीजें जो है वो इंटीग्रेट हो जाती हैं। देन ऑटोनोमी यानी कि इंडिविजुअल की एबिलिटी कि आप कैसे परफॉर्म कर रहे हो या इंडिपेंडेंट सेल्फ डायरेक्टेड मैनर में परफॉर्म कर रहे हो नहीं कर रहे हो। आपकी चॉइससेस क्या हैं? सो वो सारी चीजें ऑटोनोमी। ठीक है? मेंटल हेल्थ अच्छी है तो आप ऑटोमस नज़र आएंगे। आप अपने लिए फैसले ले पाएंगे। परसेप्शन ऑफ़ रियलिटी। रियलिटी के बारे में आप क्या सोचते हो? उससे आपके जो वो एक मेंटल हेल्थ का इंडिकेटर रहेगा। एनवायरमेंटलस्टरी। तो ये इंडिकेटर ये सजेस्ट करता है कि जो इंडिविजुअल्स हैं वो जब एक सेटिस्फेक्टली रोल जो है अचीव कर लेते हैं ना। सो वो यानी अपने आसपास के एनवायरमेंट या सोसाइटी या ग्रुप में अब वो सेटिस्फाइड हैं। तो वो खुद को भी और दूसरों को भी प्यार कर पा रही हैं। खुद को एक्सेप्ट करती हैं जैसे वो हैं और दूसरों को भी वैसे ही एक्सेप्ट करते हैं। ठीक है जी? तो ओवरऑल प्रिंसिपल्स की अगर हम बात करेंगे तो आप कांटेक्ट में हैं। रियलिटी के ऐसे हवा में नहीं उड़ रहे हैं। ठीक है? आपके थॉट्स और इमेजिनेशन पे आपका काबू है। एफिशिएंसी इन वर्क एंड प्ले। सोशल एक्सेप्टेंस आपकी है। देन पॉजिटिव सेल्फ कॉन्सेप्ट है आपका और एक हेल्दी इमोशनल लाइफ जो है वो आप जी रहे हैं। सो ये प्रिंसिपल्स हैं मेंटल हेल्थ के कि अच्छी मेंटल हेल्थ है तो ये ये चीजें दिखेंग। अब मेंटल हेल्थ को अफेक्ट क्या चीजें करती हैं? तो बहुत सारी चीजें कर सकती हैं। सोशल फैक्ट ये बायोलॉजिकल फ़ैक्टर्स अफेक्ट कर सकते हैं। तो बायोलॉजिकल में वही आ गया ना कि कई बार मेडिसिंस के थ्रू कुछ चीज़ें नर्वस सिस्टम या कोई चीज़ें चेंज हो जाती है, दिक्कत हो जाती है। सो वो चीज़ें भी अफेक्ट करती हैं मेंटल हेल्थ को। ओके? सो बायोलॉजिकल फैक्टर्स में जो कि लिंक्ड है एब्नॉर्मल फंक्शनिंग या नर्वस सिस्टम या उन चीजों से रिलेटेड है। सो सबसे पहला आ गया जी जेनेटिक्स। कई बार मेंटल इलनेस जो है वो फैमिलीज़ में भी रन करती है कि जैसे आपकी फैमिली में एक पर्टिकुलर इंसान या पापा है या मम्मी है उनको बहुत गुस्सा आता है या एंजायटी अटैक्स होते हैं तो कई बार वही चीजें पास ऑन भी हो जाती हैं। वो स्ट्रेस या ट्रोमेटिक इवेंट्स जो हुए हैं उसकी वजह से भी कई बार मल्टीपल जींस के इंटरेक्शन से भी वो चीजें नजर आती हैं। हॉर्मोनल चेंजज़ हो जाते हैं। तो जेनेटिक भी जो है इसमें एक बड़ा रोल प्ले करता है। फर्दर इनफेक्शंस हो सकते हैं कई बार। ठीक है? तो वो इनफेक्शंस की वजह से भी ब्रेन डैमेज हो सकता है या मेंटल हेल्थ या इलनेस जो है मेंटल हेल्थ अफेक्ट हो सकती है और मेंटल इलनेस आपको हो सकती है। देन है जी ब्रेन डिफेक्ट या इंजरी कोई हो गई या प्रीनेटल डैमेज हो गया जब आप गर्भ में थे। उस टाइम पे कोई जन्म मतलब जन्म लेने से पहले ही कोई दिक्कत क्रिएट हो गई या ड्यूरिंग द बर्थ कोई दिक्कत क्रिएट हो गई कि अच्छा ऑक्सीजन आपके ब्रेन तक सही से नहीं पहुंचा तो एक डिसेबिलिटी जो है वो आपके अंदर आ गई। सो वो सारी चीजें जो है वो मेंटल हेल्थ को अफेक्ट करेंगी। सब्सटेंस अब्यूज ये भी ये जो है एंजायटी, डिप्रेशन ये जो हेल्थ कंडीशंस हैं ये इन जो आपके सब्सटेंस अब्यूज या जब कोई बहुत ज्यादा आप कोई भी चीज लेते हो चाहे वो ड्रिंकिंग हो या स्मोकिंग हो। सो वो सारी चीजें भी मतलब टॉक्सिंस तो जा रहे हैं ना आपके अंदर तो वो चीजें भी मेंटल हेल्थ जो है उसको अफेक्ट कर सकती हैं लॉन्ग टर्म में स्पेशली तो क्रॉनिक हेल्थ कंडीशंस यहां से क्रिएट हो सकती हैं। ठीक है? साइकोलॉजिकल फ़ैक्टर्स हो सकते हैं। कोई ट्रोमा हो सकता है। बचपन का कोई ट्रॉमा हो सकता है। ठीक है? सिग्निफिकेंट लॉस हो सकता है कि बचपन में मान लो किसी के मदर या फ़ादर कोई गुजर गया तो वो एक लॉस हो सकता है। नेगलेक्ट करना कि आपको नेगलेक्ट किया जा रहा है। आप पे ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ठीक है? पुअर एबिलिटी टू रिलेट टू अदर्स। जैसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम में हम देखते हैं कि सोशल एबिलिटी बहुत कम होती है बच्चे में। डिस्क्रिमिनेशन या स्टिग्मा अगर आपने फेस किया है सो वो एक रीज़न हो सकता है। हेल्दी रिलेशनशिप की कमी अगर आपकी लाइफ में है तो वो भी एक रीज़ हो सकता है मेंटल हेल्थ ठीक ना होने का। ओके? बाकी आपके एनवायरमेंट की बात आ गई। तो एनवायरमेंट भी जो है वो मेंटल इलनेस को ट्रिगर कर सकता है। अगर बहुत सारे स्ट्रेस वाली सिचुएशन अगर आपके पासपास है तो कि आपका डिवोर्स हुआ है। किसी की डेथ हो गई है। फंक्शन फैमिली जो है वो डिस्फंक्शनल है। ठीक है? क्योंकि डिस्फंक्शनल में डिवोर्स भी आ गया टेक्निकली और उसके अलावा जो है और घर में माहौल ठीक ना होना या डोमेस्टिक वायलेंस होना तो वो सारी चीजें भी आ गई। ठीक है? बाकी फीलिंग ऑफ इनएडीिक्वसी या सेल्फ एस्टीम कम होना, ए्जायटी, एंगर, लोनलीनेस यह वाली फीलिंग्स होना किसी में। चाहे वह बच्चा हो या बड़ा हो। ठीक है? जॉब्स या स्कूल कई बार चेंज करते टाइम बच्चे का स्कूल अगर आप बार-बार चेंज करते रहोगे, तो हो सकता है कि वो स्ट्रेस में रहे और वो एडप्ट ना कर पाए चीजों को लेके। तो बहुत सारे रीज़ंस हो सकते हैं। फाइनेंशियल रीज़ंस हो सकते हैं। करियर या वर्क से रिलेटेड हो सकते हैं। सोशल लेवल पे आइसोलेशन हो सकता है कि ग्रुप्स नहीं है आपके या फ्रेंड्स नहीं है। डोमेस्टिक वायलेंस, नेचुरल डिजास्टर तो कोई भी चीज़ हो सकती है जो मेंटल हेल्थ को अफेक्ट कर सकती है। ठीक है? देन आता है जी सोशियोइकोनॉमिक फैक्टर। तो सोसाइटी और इकोनमी इन दोनों के बीच में अगर आप देखेंगे तो वो फैक्टर्स यहां इंक्लूड किए जाएंगे। जैसे अनइंप्लॉयमेंट है या लो इनकम है फैमिली की। ठीक है? पॉवर्टी है, डे है, होम होम नहीं है आपका। ठीक है? लो या नो एजुकेशन है, असाइलम स्टेटस या फिर आपका डिस्प्लेस्ड पर्सन स्टेटस या रिफ्यूजी स्टेटस। तो ये सारे जो है वो सोशल लेवल पे स्टेटस हैं आपके। तो सोशल और इकोनॉमिक लेवल पे जब चीजें गड़बड़ाती हैं तो वो भी मेंटल हेल्थ को अफेक्ट कर सकती हैं। मेंटल इलनेस उससे हो सकती है। ठीक है? कैरेक्टरिस्टिक्स क्या रहेंग? एक मेंटली हेल्दी इंडिविजुअल कैसा आपको नज़र आएगा? तो देखो बहुत सारी हो सकती हैं। सब लोगों ने अलग-अलग टर्म्स में इसको मेंशन किया है। बट ओवरऑल आप देखेंगे कि आप अगर एडजस्टमेंट्स कर पा रहे हैं वो इंसान वो मेंटली हेल्दी रहेगा। अगर वो एडजस्टमेंट कर पा रहा है। उसको पर्सनल वर्थ के बारे में पता है। वो खुद के बारे में ऐसे उल्टाउल्टा या नेगेटिव नहीं बोलता है। वो अपनी कीमत जो है वर्थ जो है वो जानता है। ठीक है? फील वर्थ वाइल एंडेंट। तो वो अपने मतलब इट्स लाइक ये ना हो कि आप बिल्कुल पैसिमिस्ट वो क्या बोलते हैं? नार्सिसिस्ट बन जाए कि आप सिर्फ खुद को ही तवज्जो दे रहे हैं। बट स्टिल कि आप जो है पर्सनल मतलब ऐसा नहीं है कि आप खुद के बारे में जानते नहीं है। तो खुद के बारे में जानना। ओके? ही सॉल्व्स हज़ प्रॉब्लम लार्जली बाय हिज़ ओन एफर्ट्स। ठीक है? खुद के डिसीजन होना, खुद के एफर्ट्स होना, एक सेंस ऑफ़ रिस्पांसिबिलिटी होना। देन आप प्यार करते भी हैं और प्यार दे भी सकते हैं। क्योंकि अगर आपके अंदर प्यार है तभी तो आप दूसरे को कर पाएंगे। राइट? आप अपने अपने से प्यार करते हैं तभी आप दूसरे को कर पाएंगे। सो ही लिव्स इन अ वर्ल्ड ऑफ़ रियलिटी। तो कोई फेंटसी में आप नहीं रह रहे हैं। इमेजिनेशन में नहीं रह रहे हैं। सो इमोशनल लेवल पे एक मैच्योरिटी आपके अंदर नजर आ रही है। तो ये सारी चीजें एक अच्छे हेल्दी इंसान में नज़र आएंगी। मेंटली हेल्दी इंसान में। उसके अलावा जैसे मेरिया जाोदा हैं। इन्होंने छह कैरेक्टरिस्टिक्स बताई हैं कि एनवायरमेंट के ऊपरस्टरी हो, अनडिस्टोर्टेड परसेप्शन हो, रियलिटी और ग्रोथ से रिलेटेड ऑटोनोमी हो कि आप अपने डिसीजंस ले रहे हैं खुद। ग्रोथ हो किसकी? सेल्फ डेवलपमेंट की। सेल्फ एक्चुअलाइजेशन हो और एटीट्यूड आपका खुद के प्रति कैसा एटीट्यूड है। सो ये ये चीजें अगर पॉजिटिव हैं, अच्छी हैं तो वो इंसान मेंटली हेल्दी है। ऐसा मैरिया का कहना है। तो सबके अलग-अलग पॉइंट ऑफ़ व्यूज़ हो सकते हैं। बट ओवरऑल अगर आप साइकोलॉजिकल वेल बीइंग है आपकी, आप पॉजिटिव इंडिविजुअल फंक्शनिंग और सेल्फ रियलाइज़ेशन रखते हैं। इमोशनल लेवल पे आप वेल बीइंग है और सोशल लेवल पे भी सही है चीज़। एक पॉजिटिव सोशल फंक्शनिंग आएगा। ये ठीक है? स्पेलिंग ठीक कर लीजिएगा। सो पॉजिटिव आस्पेक्ट जब आपका है हर एक चीज़ में सो आप मेंटली हेल्दी हो सकते हैं। बोल सकते हैं आपको। ठीक है? सो जो मेंटली हेल्दी पर्सन है उनमें इस तरीके की कुछ कैरेक्टरिस्टिक या इनमें से कुछ कैरेक्टरिस्टिक्स जरूर नजर आएंगी। थोड़ी नहीं ज्यादा कुछ ना कुछ तो। ओके? सो इजी गोइंग एटीट्यूड आपका नज़र आएगा। दूसरों के साथ, खुद के साथ। दे हैव रियलिस्टिक अवेयरनेस। अपनी स्ट्रेंथ, अपनी वीकनेसेस के बारे में वो जानते हैं। ऑप्टिमिस्ट हैं लाइफ के बारे में कि हां चीज़ होंगी, अच्छी होंगी। सो एक पॉजिटिव आस्पेक्ट है यहां भी। उनका खुद के ऊपर, खुद के इंपल्ससेस के ऊपर, खुद की हैबिट्स के ऊपर एक अच्छा कंट्रोल है। ओके? एक हेल्दी लाइफस्टाइल जो है वो जीते हैं। टेक केयर ऑफ़ देयर फिजिकल हेल्थ, लुक्स, अपीयरेंसेस। तो वो सारी चीजें रहेंगी। दे एंजॉय लाइफ एंड मैनेज टाइम वेल इनफ टू रिलैक्स एंड वर्क। दे आर कैपेबल ऑफ़ गेटिंग अलोंग विथ पीपल। सो इनमें से ये वही सारी अच्छी बातें हैं जो मैं आपको ऊपर बता रही थी। बस अलग-अलग शब्दों में कही गई है। आप एक रीडिंग लेके देखेंगे तो भी आपको समझ आ जाएगी। नहीं लेंगे तो भी आपको इतना तो आईडिया होना चाहिए। अच्छा आप एक इंसान है जो दूसरों का मजाक बनाता है। दूसरों के ऊपर हंसता है। ठीक है? एक इंसान है जो सबके साथ मिलके हंसता है ना कि दूसरों पे। सो ऑब्वियसली क्लियर डिफरेंस समझ आ रहा है ना कौन सा मेंटली हेल्दी इंसान है। ओके? तो वो चीजें रहेंगी। सो मेंटल हेल्थ और वेल बीइंग जो है इंडिविजुअल के वो किससे इंडिकेट किए जाते हैं कि सेल्फ अवेयरनेस कितनी है? मैच्योर कितने हैं आप? इंटीग्रेशन ऑफ़ सेल्फ, लाइफ स्किल, एटीट्यूड। तो इन सारी चीजों का कॉम्बिनेशन जब आप देखेंगे सो वो एक इंसान की जो है वो मेंटल हेल्थ को डिनोट करता है। ओके? जैसे ही भगवत गीता के अकॉर्डिंग एक ट्रूली बैलेंस्ड इंसान जो है उसके कुछ ये फीचर्स नजर आएंगे जिसमें ये तीन चीजें इन्होंने बोली हैं। वितराग वन हु हैज़ गिवन अप क्रेविंग फॉर प्लेज़र। फ्री फ्रॉम फियर और डिवॉइड ऑफ़ एंगर। तो आप गुस्सा नहीं आ रहा है आपको। ठीक है? वि क्रोध है वि भय आप भय से भी फ्री हैं फियर से विथ राग कि आप प्लेजर के प्रति जो है वो क्रेव नहीं कर रहे हैं भाग नहीं रहे हैं उसके पीछे सो वो इंसान जो है वो मेंटली हेल्दी इंसान आपको नजर आएगा एज पर भगवत गीता ये मैंने आपको बता दिया है कि सम अप करने के लिए हम ये चीजें मान सकते हैं। अब मेंटल हेल्थ से रिलेटेड कुछ एक स्किल्स होती हैं। अब जैसे मैंने बोला सेल्फ नॉलेज या सेल्फ अवेयरनेस। सो वो एक स्किल है कि आप अपने बारे में जाने। अपनी एबिलिटीज़, अपने इंटरेस्ट, अपनी चीजें आप उनके बारे में जाने। फिर अपने आप को एक्सेप्ट करें। आपका खुद पे कंट्रोल भी हो। ठीक है? तो कैसे चीजें वर्कआउट करेंगी वो आपको पता हो। तो ये स्किल होती है बेसिकली। ओके? देन अगर इंटीग्रेशन एंड डायरेक्शन। सो वही एबिलिटी टू गिव डायरेक्शन टू कॉन्फ्लिक्टिंग थॉट्स। कि अगर कॉन्फ्लिक्टिंग थॉट्स आ भी रहे हैं या गलत थॉट भी आ रहे हैं तो कैसे उनको सही डायरेक्शन देनी है। ओके? वैल्यूज़ एंड सोशल रिस्पांसिबिलिटी। सो गोल क्या है? एक हर एक इंडिविजुअल का एक गोल सेट रहता है कि अच्छा ये पर्टिकुलर वैल्यूज़ उसकी है। ये सोशल रिस्पांसिबिलिटी है जो उसको पूरी करनी है। सो वो चीज़ भी एक मेंटल मतलब ये ये वो स्किल्स हैं जो एक मेंटली मेंटल हेल्थ को शो करती हैं। ठीक है? तो अगर आप में वैल्यूज़ हैं, सोशल रिस्पांसिबिलिटी आप रखते हैं, इंटीग्रेशन डायरेक्शन का आपको आईडिया है, सेल्फ कंट्रोल है, सेल्फ नॉलेज और सेल्फ एक्सेप्टेंस है, तो आप बेहतर तरीके से मेंटल हेल्थ को ठीक रख पाएंगे। ओके? सेंस ऑफ़ ह्यूमर एंड मैच्योरिटी। अच्छा सेंस ऑफ़ ह्यूमर नजर आएगा। ह्यूमर का मतलब ये नहीं होता कि दूसरों के ऊपर हंसना। नहीं। ठीक है? जिंदगी की लाइटर साइड को देखना ह्यूमर होता है कि आप जो है अगर कोई बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई या बहुत बड़ी मुसीबत में भी फंस गए हैं तो कैसे उसको थोड़ा सा लाइट वे में लेके आगे बढ़ सकते हैं। ओके? हेल्दी हैबिट्स। लाइफस्टाइल जो है वह आपको अप्ट करना है। एनवायरमेंटल चेंज के प्रति आप अप्टेड हैं। फ्लैक्सिबल है। ईजीली अप्ट कर जाते हैं। इनवॉल्वमेंट जो है वर्क और एंटरटेनमेंट दोनों में बराबर सी है। बैलेंस कर पाते हैं आप चीजों को। स्पिरिचुअल ओरिएंटेशन टू लाइफ वो आपकी है। सो ये वो मेंटल हेल्थ से रिलेटेड स्किल्स हैं जो हमें आगे बढ़ने में हेल्प करेंगी। मेंटली हेल्दी रहने में हेल्प करेंगी। सिम्टम्स क्या होंगे? अब मेंटल इलनेस के सिम्टम्स। तो वो मेंटल लेवल पे बिहेवियरल, इमोशनल इन लेवल पे जो भी थोड़ा बहुत चेंज नज़र आए आपको वो आपको मेंटल इलनेस शो करेगा। ठीक है? हां उसका इंपैक्ट कितना होगा? कितनी चीजें होंगी वो वैरी करेगा। ओके? सो कुछ एक साइन एंड सिम्टम्स जो कि वैरी करते हैं पर्सन टू पर्सन बी। जैसे ये कुछ एक हैं सैड फील करना या कंफ्यूज्ड फील करना। ठीक है? देन आपका एक्सेसिव फियर या वरी है किसी चीज़ से रिलेटेड। एक्सट्रीम मूड चेंज है। बहुत हाई बहुत लो। एक सेकंड में आप बहुत हाई हाइपर हो जाते हो। एक सेकंड में आप बहुत काम हो जाते हो। ठीक है? विथड्रॉल फ्रॉम फ्रेंड्स एंड एक्टिविटीज़। आप किसी से मिलना नहीं चाह रहे हो। टायर्डनेस एक सिग्निफिकेंट रीज़न मेंटल इलनेस का हो सकता है। रियलिटी से डिटचमेंट जो है, हेलुसिनेशन जो है, ठीक है? या स्लीपिंग प्रॉब्लम्स अगर आप ठीक से सो नहीं रहे हैं, तो एनर्जी लो हो सकती है उससे। ठीक है? या आपकी जो डेली प्रॉब्लम्स या डेली स्ट्रेस है, उससे आप कोप अप नहीं कर पा रहे हो, तो ये मेजर रीज़ंस हो सकते हैं मेंटल इलनेस के। ये सिम्टम्स नज़र आ सकते हैं आपको। सुसाइडल थिंकिंग या सुसाइडल टेंडेंसी हो सकती है। एक्सेसिव एंगर हो सकता है। सेक्स ड्राइव में चेंज देखने को मिल सकता है या मेजर चेंजेस आपके हीटिंग हैबिट्स में भी देखने को मिल सकते हैं। तो ये कुछ एक सिम्टम्स होंगे। जरूरी नहीं है ये सारे हो। जरूरी नहीं है कि इनमें से मतलब मेजॉरिटी ऑफ़ हो। तो वो डिपेंड करता है पर्सन टू पर्सन भी वैरी करता है। ओके? सो ओवरऑल क्या कारण हो सकते हैं? एजुकेशन की कमी एक कारण हो सकता है। आपका एंटीसोशल एटीट्यूड एक कारण हो सकता है कि आप मिलना ही नहीं चाह रहे हो किसी से। आपका एंटीसोशल पर्सनालिटी पैटर्न भी एक कारण हो सकता है। एंटीसोशल फ्रेंड्स एंड पियर्स कि आपका ग्रुप ही एंटीसोशल है या दो चार लोग हैं वो सारे ही वैसे हैं। देन सब्सटेंस अब्यूज एक रीज़न हो सकता है। फैमिली या जो मैरिटल फैक्टर्स हैं वो एक रीज़न हो सकते हैं। तो बहुत सारे रीज़न पुअर एंप्लॉयमेंट हिस्ट्री या पॉवर्टी या लैक ऑफ एजुकेशन। तो ये बहुत सारे रीज़ंस हो सकते हैं जो मेंटल इलनेस कोज़ कर सकते हैं। अब इसमें स्कूल होम कम्युनिटी क्या रोल प्ले करेंगे? तो इसमें आप जितना लिखना चाहो 17 नंबर का क्वेश्चन भी लिख सकते हो। यूजुअली 16 का होता है। बट आप जितना बढ़ा चढ़ा के लिखना चाहो लिख सकते हो। तो मैंने कंपाइल करके ये बहुत अच्छा सा डायग्राम मुझे मिला। सो ये बहुत सही है। इसमें सारी चीजें मेंशन है। जैसे होम होम में फैमिली, पेरेंट्स, सिबलिंग्स वो आ गए। स्कूल में टीचर्स, पियर, एडमिनिस्ट्रेशन, स्कूल मैनेजमेंट, कमेटी, स्टाफ वो आ गया। कम्युनिटी में बाकी कम्युनिटी, गवर्नमेंट, ऑर्गेनाइजेशन, देन आपका एनजीओस, एलुमिनाई तो वो सारे लोग आ गए। ओके? अब इनमें कैसे ये क्या रोल प्ले करेंगे? जैसे होम है। ठीक है? आपको इनवॉल्वड रखा जाए। एक ओपन कम्युनिकेशन घर पे मेंटेन हो कि आपको अगर कोई दिक्कत भी है तो वो आप बता पाओ। पेरेंट्स के साथ शेयर कर पाओ। ठीक है? वो पेरेंट्स की जिम्मेदारी है। वो एक रोल प्ले कर सकते हैं। देन केयर और सपोर्ट अगर आप बच्चे को प्रोवाइड कर रहे हो, उसको इनवॉल्वड रख रहे हो, एनकरेज कर रहे हो उसके एफर्ट्स को और एप्रिशिएट कर रहे हो उसको। सो एक पॉजिटिव माहौल जो आप देख रहे हो वो चीज यहां पे रहेगी। कम्युनिकेशन अगर क्लियर हुआ तो आधी चीजें वही सॉर्ट आउट हो गई जहां पे आपके पास ऑप्शन है कि आप किसी से शेयर कर सकते हो। जैसे अभी कोविड में सबसे ज्यादा चला था ना ये कि आप घर पे अगर रह रहे हो तो मेंटल हेल्थ खराब हो रही है लोगों की तो मेंटल हेल्थ का कांसेप्ट ही वहां से ज्यादा निकल के आया। अदरवाइज ज्यादा सीरियसली इसको लिया नहीं जाता था। ओके? देन स्कूल स्कूल के लेवल पे टीचर पियर्स तो एक अच्छा पीियर सपोर्ट बिल्ड किया जाए। ग्रोथ को एनकरेज किया जाए। एक सेफ सपोर्टिव स्कूल एनवायरमेंट क्रिएट किया जाए। पॉजिटिव रिलेशनशिप्स को न्चर किया जाए। ठीक है? सेंसिटिव हो आप डायवर्सिटी के प्रति। फैसिलिटेटिंग पॉजिटिव क्लासरूम इंटरेक्शन, एनकरेजिंग हेल्प सीकिंग कि अगर आपको कोई दिक्कत है तो आप हेल्प ले सकते हैं। सो उसको भी सपोर्ट करना, उसको एनकरेज करना कि इट्स ओके टू टेक हेल्प। ओके? इंडिविजुअल स्ट्रेंथ्स को प्रमोट करना। तो ये सारी चीजें स्कूल लेवल पे हो सकती हैं। ओके? कम्युनिटी की अगर बात करेंगे तो एक नेबरहुड सेफ हो आपका। सपोर्टिव सोशल ग्रुप्स या ऑर्गेनाइजेशन सही हो। नर्चरिंग एंड एनकरेजिंग सोशल एनवायरमेंट वो बेटर हो। एलुमिनाई नेटवर्क आपका बेटर हो। पॉजिटिव रोल मॉडल्स जो है वो सोसाइटी के अंदर ही कम्युनिटी के अंदर आपको नजर आए। ओके? अब ये जो तीनों आस्पेक्ट्स हैं ये भी एक दूसरे के साथ इंटरेक्ट करके अच्छा रोल प्ले करेंगे। जैसे पॉजिटिव इंटरेक्शन एंड कोलैबोरेशन बिटवीन होम एंड कम्युनिटी। पार्टनरशिप बिटवीन स्कूल एंड कम्युनिटी। एक क्लियर कम्युनिकेशन एंड कोलैबोरेशन बिटवीन स्कूल एंड पेरेंट्स। तो ये ये वो सारी चीजें हैं कि हमें ओवरऑल एक बड़ा सा जो इकोसिस्टम है अपना वो पॉजिटिव एस्टैब्लिश करना है यानी इकोसिस्टम ऑफ पॉजिटिव मेंटल वेल बीइंग फॉर अ स्टूडेंट। सो ये ओवरऑल इकोसिस्टम बेटर रहेगा तो चीजें ऑटोमेटिकली बेटर हो जाएंगी। स्कूल का इकोसिस्टम बेटर रहना चाहिए। इसके लिए एनसीआरटी ने यूनेस्को के साथ पार्टनरशिप में 11 एनिमेटेड वीडियोस जो है 11 अलग-अलग थीम्स के ऊपर जो कि स्कूल हेल्थ प्रोग्राम अंडर आयुष्मान भारत उसके अंडर डाली गई हैं। आप ये एनिमेटेड वीडियोस देख सकते हैं। ये 11 लैंग्वेज में अवेलेबल है। जिस भी लैंग्वेज में आप देखना चाहो इस वेबसाइट के ऊपर आपको ये मिल जाएंगी और ये वीडियोस आपको क्लियर कट शो करती हैं मेंटल हेल्थ और हाइजीन और इन चीजों के बारे में। ओके? सो वो चीज आप अगर देखेंगे तो और बेहतर तरीके से आप इस कांसेप्ट को समझ पाएंगे। तो कभी टाइम मिले तो जरूर देखिएगा ये वीडियो। ठीक है? ये अदरवाइज डाउनलोड करके देख लो। जब मन करे तब देख लेना। इतनी बड़ी-बड़ी तो वैसे भी नहीं है। तो छोटी-छोटी है। आप जाके देख सकते हैं। आपको और बेटर तरीके से समझ आ जाएंगी चीजें। ठीक है जी? सो ये मेंटल हेल्थ और हाइजीन का हमारा कांसेप्ट हो गया। दिस वाज़ ऑल अबाउट टुडे। थैंक यू सो मच फॉर वाचिंग। बी हैप्पी, कीप स्माइलिंग। सब्सक्राइब टू इन्कल्लकेट लर्निंग बिकॉज़ इट इज़ अब्सोलुटली फ्री। बी कंसिस्टेंट इन योर एफ्फर्ट्स। टेक केयर। टू सी यू इन नेक्स्ट क्लास।
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8 Comments
❤
Hiiiii ma'am
So nic
Mental hygiene refers to the science and practice of maintaining mental health
Thanku dear good
Thank you so much mam ❤❤
Mam jkssb general line teacher ka syllabus bhi pdhao please 🙏
Mam WBSLST ka class bhi shuru kijiye please bohot hi jald hmare exam