Mental Health in Children: What is Autism? Causes & Early Detection | Dr. Sajjad Rafique Explains
ऑटिज्म क्या चीज है? किस तरह से किसी को पता चलेगा कि मेरी फैमिली में या मेरे बच्चे को ऑटिज्म है? क्या उसको सिम्टम ऐसे नोट करने चाहिए या नोट करने चाहिए? देखो ऑटिज्म के बारे में इतनी इंफॉर्मेशन सोशल मीडिया ने लोगों को दे दी है जिसमें से कि वो यह समझते हैं कि कॉमन पैटर्न्स भी ऑटिज्म की तरफ लेकर जा रहे हैं। सो अगर अभी आप ऑटिज्म की बात करो तो ऑटिज्म अभी भी एक बहुत अनक्लोड डेस्टिनी है। एक ऐसी डेस्टिनेशन है जिसके बारे में बहुत सारी चीजों को नहीं पता। बहुत पूरी दुनिया में काम हो रहा है। उसमें देखा जा रहा है कि ये क्या चीजें आ रही हैं? यह ऑटिज्म में एक्सजेक्टली क्या होता है? रिसर्च हो रही है। सो एक्सजेक्टली अगर आप यह कहो कि ऑटिज्म आपको कोई अलामतें देके बताए तो बड़ा मुश्किल है। हां, रेड फ्लैग्स होते हैं। रेड फ्लैग्स को जरूर देखना चाहिए। अब रेड फ्लैग्स में जो सबसे इंपॉर्टेंट है एक साल से पहले बच्चे की डेवलपमेंट एंड उसके सोशल माइलस्टोनस कि वो अपने टाइम पे अचीव हो रहे हैं कि नहीं हो रहे। अमूमी तौर पे देखा गया है कि ऑटिज्म के बारे में बहुत ज्यादा कंसर्न या सिम्टम्स रेज होते हैं एट आफ्टर अराउंड वन ईयर ऑफ एज और और दो साल के बाद जरा ज्यादा एनहांस हो जाते हैं। अब एक साल से पहले बहुत सारा लिखा हुआ है कि जी बच्चे हाथों को हिलाते हैं, फ्लैपिंग करते हैं। मुख्तलिफ और चीजें हैं जो कि एक नॉर्मल बच्चा भी कर सकता है। सो सबसे इंपॉर्टेंट चीज तो ये है कि एक बच्चे के क्या नॉर्मल डेवलपमेंटल माइलस्टोनस अचीव हो रहे हैं कि नहीं हो रहे। हम एज अ पीडिटिशन उन माइलस्टोनस को चार मुख्तलिफ हिस्सों में डिवाइड करते हैं। ठीक? इनमें एक हम कहते हैं ग्रॉस मोटर। ग्रॉस मोटर का मतलब ये है कि एक बच्चे ने गर्दन ठहरा ली। उसके बाद अपनी ट्रंक को ठहराना। फिर उसके बाद बैठना सहारे के साथ, बगैर बैठना सहारे के साथ, खड़े होना सहारे के साथ, चलना सहारे के साथ। ये सारे ग्रॉस मोटर में आते हैं। फिर एक होता है फाइन मोटर। रिफाइन मोटर से मुराद होती है कि बच्चा बारीकी के साथ क्या काम कर रहा है। जैसे कि बच्चा अपने हाथों के साथ, चीजों के साथ उसको पकड़ता कैसे है? ये सर्टन एक टाइम फ्रेम पर एक ऐज के साथ होते हैं। फिर हियरिंग एंड स्पीच है। हियरिंग एंड स्पीच में यह है कि जो बच्चा जो सुनता है वही बोलता है। सो उसका एक टाइम होता है। जैसे एक सर्टेन ऐज पे बच्चा पहले आवाजें निकालता है। फिर उसकी आवाजों से मतलब आने शुरू होते हैं। फिर वो मीनिंगफुल वर्ड्स पे आता है और उसके बाद फिर जैसे-जैसे बड़ा होता है उन वर्ड्स के साथ सेंटेंसेस बनाता है। तो ये सारे एक टाइम फ्रेम के ऊपर आते हैं। और आखिरी हिस्सा है सोशल डेवलपमेंट। सोशल डेवलपमेंट में यह है कि बच्चा मां की तरफ देखे कब ततवज्जो हो रहा है। बच्चा सोशल स्माइल कब पास कर रहा है। बच्चे की एक्टिविटी कैसी है? बच्चे के रिस्पांससेस कैसे हैं? ये सारे डिफरेंट माइलस्टोंस हैं जो कि एक बच्चे की प्रॉपर इवैल्यूएशन की जाती हैं। अब हम एज अ पिडिटिशन क्योंकि हमारा वर्क लोड बहुत ज्यादा होता है। हम जहां पे समझते हैं कि इस बच्चे की एक प्रॉपर डेवलपमेंटल मैपिंग होनी चाहिए। उसमें फिर हम डेवलपमेंटल पीडियाट्रिक्स एक पूरा एक ग्रुप है। एक पूरा एक स्पेशलिटी है। एक बकायदा प्रूवन स्पेशलिटी है जिनके पास फिर हम रेफर करते हैं और फिर उनकी आगे से इवैल्यूएशन होके तो ये फाइनल उस नतीजे पर पहुंचते हैं। अब अगर हम ये करें कि जी हर बच्चे की डेवलपमेंटल असेसमेंट हो मुश्किल हो जाता है। उसमें अच्छा एक एक चीज यहां पे मैं ऐड कर दूं डॉक्टर साहब वो ये कि पेरेंट्स को अलर्ट होना है। जाहिर बात है कि आपने जो इंडिकेटर्स बताए हैं चीजें बड़ी इंपॉर्टेंट है ये सारे फैक्टर्स। लेकिन इसमें एक चीज वो ये है कि बेसिक क्या चीज ऐसी है कि वो अगर आप नोट कर रहे हैं ऐसा कुछ हो रहा है तो आपको अलर्ट हो जाना है। आपको फिर उसको मजीद बच्चे को ध्यान देना है कि यार ये एक चीज मैंने इसे कर रहा हूं। शायद ये वो चीज जो है वो ठीक से नहीं कर रहा। तो ऐसी कोई बेसिक चीजें हैं दो चार देखिए वही मैंने जैसे कहा ना कि डेवलपमेंटल माइलस्टोन हर एक माइलस्टोन की ऐज होती है। अब जैसे कि अमूमी तौर पे मांओं को पता है कि बच्चा डेढ़ दो महीने का गर्दन ठहरा लेता है। तकरीबन छ महीने का बच्चा सहारे के साथ बैठने की कोशिश कर रहा होता है। इसी तरह से जो ये आवाजें हैं बच्चे को चार पांच माह के बाद निकालना शुरू करते हैं जो कि आहिस्ताआहिस्ता करके मीनिंगफुल वर्ड्स में जाते हैं। और इसी तरह से जो सोशल स्किल्स हैं या सोशल हैं वो अंदाजा हो जाता है। अब एक बच्चा अब अपनी मां अपने बच्चे को देख रही है। पैदा हुआ बिल्कुल ठीक था। लेकिन चार महीने हो गए कि ये तो अभी गर्दन भी नहीं ठहरा रहा ना। तो ये रेड फ्लैग हो गया। ठीक है। अब इसमें जरूरी नहीं कि हम ये सिर्फ मेंटल हेल्थ की तरफ जाएं। अब मेंटल हेल्थ दो तरह की है। अच्छा। एक तो है ऑर्गेनिक मेंटल हेल्थ यानी कि ब्रेन एंड रिलेटेड जिसको आप कह लो जिसमें कि ब्रेन की डेवलपमेंट नहीं हुई या बच्चे को कोई ना कोई ज़हनी तौर पे या ब्रेन के ऊपर कोई ऐसी इंसल्ट हो गई या ब्रेन के ऊपर कोई ऐसा काम हो गया जिसकी वजह से बच्चे का ज़हनी तौर पे मफलूज हो गया। ये स्ट्रक्चरल आप समझाने के लिए ऑब्वियसली हमारी मेडिकल टर्मिनोलॉजी में इसकी इस तरह की कोई डीमार्केशन नहीं है। लेकिन मैं सिर्फ समझाने के लिए कि एक तो प्रॉब्लम ऐसी है जो कि आप समझने के लिए कि जी स्ट्रक्चरल ब्रेन में कोई प्रॉब्लम है। इसमें क्या होगा कि सारे माइलस्टोन स्टिल एट होम। सारे माइलस्टोन से मिला के गर्दन नहीं ठहराई। बॉडी के अंदर कोई ताकत नहीं आई। बॉडी के अंदर कोई रिस्पांस नहीं आया और मां को फिक्र होनी शुरू हो गई कि मेरा बच्चा कंपैरिजन में कि चार महीने का बच्चा जो कि मेरी आंखों के सामने है वो तो ये सारे काम कर रहे मेरा बच्चा ये काम नहीं कर रहा। सो अगर ऐसा कोई भी अलर्ट साइन है तो आप बताएं। सेकंडली जो हम जिसकी अगर हम हम बात कर रहे हैं या एक और जो ब्रेन रिलेटेड प्रॉब्लम है वो है मेंटल हेल्थ वि इज रिलेटेड टू डिफरेंट पार्ट्स ऑफ ब्रेन एंड सेगमेंट्स जो कि अपनी उस प्रोफिशिएंसी में काम नहीं कर रहे होते हैं। जैसे कि बच्चा गर्दन में ठहरा ली सोशल स्किल वो सारी चीजें आ गई। लेकिन स्पीच डिले है। अब स्पीच डिले में नॉट एस समझाने के लिए पेरेंट्स को यही कहूंगा कि अगर आपका बच्चा एक साल के ऊपर कुछ मीनिंगफुल वर्ड्स नहीं बोल रहा या आपको लग रहा है कि वो अपनी जुबान में बात कर रहा है और अभी आपको यानी आई एम नॉट टॉकिंग अबाउट अ ईयर। मैं एक साल से बड़े बच्चे की बात कर रहा हूं कि वो अपनी जुबान में बात कर रहा है। चीजों को अंडरस्टैंड नहीं कर रहा। आप आवाज दे रहे हो। वो सुन नहीं रहा। वो रिस्पांस नहीं दे रहा। वो अपनी दुनिया में मगन है। वो अपनी चीजों में सारी चीजों को देखता जा रहा है। उसकी देखने का एक अपना ही फ्रेमवर्क है। एक अपना ही लेंस है। सो उसमें अलर्ट लेवल तो है ना। ठीक है? बिकॉज़ साल का बच्चा जनरली इंटरेक्ट भी करता है, रिस्पांसिव भी होता है, प्लेफुल भी होता है और चीजों को भी बनाता है। हम इसी तरह से फिर जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है तो डेवलपमेंटल एपीडियाट्रिक्स के अंदर डिफरेंट सॉर्ट ऑफ़ हम उसे टेस्ट्स कहते हैं जो कि बच्चे से परफॉर्म कराए जाते हैं। ये देखने के लिए कि उसकी ब्रेन की ग्रोथ और ब्रेन की डेवलपमेंट क्या है। सो हम पहले तो यह देखें ना कि अगर हम बात कर रहे हैं मेंटल हेल्थ की तो देयर आर मेन जो हम बात कर रहे होते हैं कि वो आइसोलेटेड और कोई पर्टिकुलर सोशल स्किल या डेवलपमेंटल स्किल अगर नहीं आई है सो वहां पे हमें कंसर्न होता है। अच्छा अब बहुत सारे केसेस में क्या होता है कि अगर स्पीच डिले है तो मसला कुछ भी नहीं होता। मसला सिर्फ हियरिंग का होता है। ठीक है? और हियरिंग को अगर आप इवैलुएट करते हो चीजें देखते हो तो आपको पता चलता है कि हां मेरे बच्चे तो हियरिंग इफेक्ट अच्छा इसमें इसमें अक्सर का भी फैक्टर होता है कि बच्चा अभी कुछ बच्चे लेट बोलते हैं कुछ जल्दी बोल पड़ते हैं ये ऐसे फैमिली में देख बहुत सारी चीजें है अच्छा अब बच्चा लेट्स सपोज दो साल का कहते हैं कि इस पे बहुत सारी बातें एट द एज ऑफ़ टू इयर्स वो बातें करनी काफी कनेक्ट करनी शुरू करता है अगर एक बच्चा कुछ वर्ड्स भी कनेक्ट कर रहा है दो-तीन अल्फाज़ जोड़ के बात कर रहा है वो और वो साथ में कोई अपनी जुबान भी बोल रहा है जो कि आपको बिल्कुल समझ नहीं आ रही तो इसका मतलब मतलब क्या होगा? अमूमी तौर पे यह कहा जाता है कि अगेन मैं जो भी बात कर रहा हूं अगर मैं मेडिकल के उसके जाऊंगा तो लोगों को समझ नहीं आएगी। अगर एक बच्चा दो अल्फाज़ को मिला के एक सेंटेंस बना रहा है दो साल पे तो हमारा एक कंफर्ट ज़ोन होता है। बट वो दिस दोज़ हैज़ टू बी मीनिंगफुल वर्ड्स। यानी उ आ ये तो कोई दो वर्ड्स उसके हिसाब से हो सकते हैं। लेकिन दे आर नॉट मीनिंगफुल वर्ड्स। अब मीनिंगफुल वर्ड्स डिपेंड्स ऑन द वोकैबलरी। आपके घर में क्या बोला जा रहा है? आप उसे जो वो सुनेगा एक्सजेक्टली वही उसने एक्सप्रेस करना है। मैसे वो कह रहा है हेलो बाबा हेलो अंकल हां हां अब ही नोस व्हाट हेलो इज एंड ही नोस व्हाट अंकल इज अब फॉर एग्जांपल अगर वो हर एक को अंकल बना रहा है तो दिस मीन कि जस्ट नो द वर्ड अंकल वो मीनिंगफुल है भी और नहीं भी बट एनीवेज ये बड़ी कॉम्प्लेक्सिटी है अली इसमें अगर हम इसको इस तरह से करेंगे ना तो बहुत सारे लोग कंफ्यूज हो जाएंगे के ये चीज आ रही है और ये चीज नहीं आ रही है। सो अगर हम उसको बिल्कुल एज अ एज अ एरियल व्यू या या जिसे कहते बर्ड्स आई व्यू पे देखें कि हमारी कहां पे रेड फ्लैग्स हैं उन रेड फ्लैग्स के ऊपर अगर हम रहे तो वो ज्यादा अच्छा है। अब जैसे दो साल का बच्चा दो वर्ड्स के सेंटेंसेस बना रहा है। आई एम फाइन बिकॉज़ स्पीच डिले बाज़ दफा फैमिलीज़ में रन करती है। और उनमें पता चलता है कि हां इसके फॉर एग्जांपल को फैमिली में और भी लोग थे जिन्होंने के लेट बोले थे और उसकी वजह से ये लेट बोल रहा है। सो उसमें वो आइसोलेटेड स्पीच डिले हो सकता है। मैं वही बात कर रहा हूं ना कि डेवलपमेंट के अंदर हम चारों चीजों के बारे में अलर्ट होते हैं। चारों चीजों के बारे में देखते हैं। और जहां पे हमारा अलर्ट लेवल ज्यादा होता है। हम जरूर चाहते हैं कि ये इसके इसको एक इवैलुएट करके देखा जाए कि कोई अंडरलाइन और ऐसी चीज तो नहीं है। अब अंडरलाइन चीज के बारे में अगेन एक लोगों की मिसकंसेप्शन है कि अगर यह हो गया तो हो गया। इसका तो कोई आउटकम नहीं है। आप अभी करवा लो, बाद में करवा लो। ये गलत है। ठीक। हम इवन बहुत हद तक ऑटिज्म के बच्चों को भी अगर एक प्रॉपर ट्रेंड थेरेपीस करवाएं सो बहुत हद तक फर्क पड़ता है।
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