OCD Recovery | OCD Treatment Options with CBT Therapy explained

लोग मुझे अक्सर कहते हैं कि डॉक्टर साहब मुझे इस किस्म की ओसीडी है। मेरी ओसीडी किसी को समझ ही नहीं आती। सवाल यह नहीं है कि किस किस्म की ओसीडी है? सवाल यह है कि इसका इलाज मौजूद है। क्या आप वो इलाज करवाना चाहते हैं? ओसीडी के बारे में लोग दवाइयां ले लेके थक गए हैं। और याद रखिए ओसीडी में एंटी डिप्रेसेंट्स की हैवी डोज़ चाहिए होती है और लोग उनके साइड इफेक्ट से थक चुके होते हैं। लेकिन मैं आपको बता दूं कि अगर आप इसके साथ एक खास किस्म की थेरेपी करें तो ना सिर्फ आपकी डोज़ में रिडक्शन हो सकती है बल्कि जिन लोगों को माइल्ड टू मॉडरेट ऑेशंस हो उनको शायद दवाई लेने की जरूरत भी ना पड़े। तो क्या आप इस अज़ाब से आजादी चाहते हैं? क्योंकि इस वीडियो में मैं आपको एक सिस्टम समझाने जा रहा हूं जो कि सिर्फ एक सोच, एक वहम को नहीं बल्कि पूरी जिंदगी को ट्रांसफॉर्म करने जा रहा है। अगर आप अपने दिमाग को रेडी हैं रिट्रेन करने के लिए तो यह वीडियो आखिर तक छोड़ना मत। दोस्तों, मेरा नाम प्रोफेसर डॉ. अली मुफ्ती है। मैं एक साइकेट्रिस्ट हूं और हमने यह देखा है कि लोग ओसीडी के इलाज के बारे में तरह-तरह की बात करते हैं कि लंबे अरसे तक इलाज लेना है। वह इलाज लेते हैं फिर छोड़ देते हैं और फिर दोबारा जब इलाज लेते हैं तो उनको इलाज से ले काफी कंफ्यूजन होती है। आप लोग कमेंट्स भी करते हैं कि हमारी ओसीडी डिफरेंट किस्म की है। लेकिन मैं आपको बताऊं अगर माइल टू मॉडरेट ओसीडी यानी कि कम से थोड़ा ज्यादा ओसीडी है तो इसका इलाज थेरेपी के साथ भी हो सकता है। और थेरेपी में तरह-तरह की थेरेपी है। आपने इंटरनेट पर देख लिए हैं। लेकिन मैं आपको यह सिंपल येट पावरफुल टेक्निक इस वीडियो में बताऊंगा और ऐसे बताऊंगा कि जब भी आपको ऑब्सेशंस आए, जब भी आपको वहम आए तो यकीन जानिए डायरेक्ट मेरी इस थेरेपी की वीडियो लगाना आपको बहुत फायदा होगा। लेकिन तरह-तरह की ऑब्सेशंस के लिए सशन एक ही है और वो है साइकोथरेपी। दोस्तों साइकोथरेपी एक बहुत ब्रॉड टर्म है। लेकिन साइकोथरेपी में हम फोकस करेंगे आज सीबीटी पे। सीबीटी को कहते हैं कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी। कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी में अगर आपको मैं आसान अल्फाज में समझाऊं तो कॉग्निटिव हमारी सोचों को कहते हैं। बिहेवियर हमारे बिहेवियर को कहते हैं। रद्दे अमल को कहते हैं और थेरेपी को तो आपको पता है। तो ये नहीं कि कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी का मतलब यह है कि हम अपनी सोचों को बदलाव करें। हम आपकी अनरियलिस्टिक सोचों को रियलिस्टिक सोच में तब्दील करें। उस पे आपको बिहेव करें और यह एक थेरेपी है। तो इसमें आपकी अन रियलिस्टिक थॉट्स जो है वो आपकी ऑब्सेशंस हैं। ठीक है? उसके नतीजे में आपको ए्जायटी होती है और उसके नतीजे में आप बिहेवियर करते हैं, कंपल्शन करते हैं। उस कंपल्शन को रोके और यह एक थेरेपी होती है। याद रखें कि ये थेरेपी एक दिन या दो दिन की नहीं होती। हम यही जो बातें मैं हम अपने क्लाइंट्स के साथ करते हैं। हम उनको बताते हैं। ये एक स्किल है। ये स्किल आप इस वीडियो में सीख रहे हैं। मेरे साथ वन ऑन वन सेशन में पेशेंट आके सीखते हैं। लेकिन ये एक स्किल है। जैसे ड्राइविंग है। यह एक नवाला है जो मैं आपको दे रहा हूं। इसको चबाना आपने खुद है। जैसे ड्राइविंग आपने खुद प्रैक्टिस करनी है। इसकी प्रैक्टिस आपने करनी है। बार-बार करनी है। हर वक्त करनी है। और यह एक साइंटिफिकली प्रूवन बहुत इंपॉर्टेंट थेरेपी जिसको मैं आसान अल्फाज़ में आपको बताऊंगा। दोस्तों, ओसीडी के लिए जो थेरेपी खास की जाती है, उसको एक्सपोज़र रिस्पांस प्रिवेंशन कहते हैं। यह भी सीबीटी की एक सब टाइप है। यानी कि आपको पहले एक्सपोज़र होगा और साथ में आपको हम प्रिवेंशन भी बताएंगे। दोस्तों, मैं आपको एक एग्जांपल के साथ समझाऊंगा। यानी कि सबसे ज्यादा ऑब्सेशन जो लोगों को आती है वो कंटमिनेशन की आती है कि हमारे हाथों को जरासीम ना लग जाए। लेट्स सपोज हम तसवुर करते हैं कि आपने बाथरूम में हाथ धोया, बड़े हाथ तरीके से धोया और आपने साथ में उसको टॉवल से ड्राई भी कर लिया। लेकिन आपको फिर एक ऑब्सेशन आ गई कि नहीं यार मेरे हाथ में तो जरासीम है और मुझे वापस जाके हाथ धोना पड़ेगा। अगर आप हाथ नहीं धोएंगे तो आपके अंदर आपके दिमाग का एक रिस्पांस सेंटर है जिसे हम इमोशनल सेंटर भी कहते हैं एमगडला बादाम जितना छोटा होता है वो एक्टिवेट हो जाएगा तो वो आपके दिमाग में ए्जायटी को प्रोड्यूस करेगा आपके दिमाग में सिंपैथेटिक सिस्टम को एक्टिवेट करेगा उसके नतीजे में जैसे आपको ए्जायटी होगी एक फॉल्स अलार्म बच पड़ेगा आपने उस फॉल्स अलार्म को बंद करना है यानी कि जब आप बिल्डिंग में काम कर रहे हैं और आप अपने एक लैपटॉप पे लगे हैं तो जैसे ही उधर एक फॉल फॉल्स अलार्म बजेगा। तो आप लोग उठ के भाग खड़े होंगे। तो अगर आपके सिक्योरिटी वाले कहते हैं कि नहीं बैठ जाओ। ये फॉल्स अलार्म है। तो मैं ये चाहता हूं कि आप भी ये तस्सवुर करें कि जब आपके दिमाग में भी ऐसा ही फॉल्स अलार्म बजे तो आप अपने ज़हन को कहें कि नहीं ठहर जाओ। काम डाउन। दिस इज अ फॉल्स अलार्म इन माय ब्रेन। जो मुझे ए्जायटी हो रही है जो मुझे ऑब्सेशन कह रही है कि बार-बार हाथ धो। अपनी ऑब्सेशन पे कंपलसिव एक्ट करो। यह एक फॉल्स अलार्म है। मैंने इस पे वापस नहीं जाना। मैंने हाथ नहीं धोना। मैंने इस वॉशरूम से बाहर निकलना है। अपनी जिंदगी पे अमल करना है। यह फॉल्स अलार्म जो ही आप हाथ धोने से अपनी ऑब्सेशन वाली एक्ट से आप जब दूर जाओगे यह फॉल्स अलार्म इतना तेज हो जाएगा और आपको बार-बार मजबूर करेगा। आपको कहेगा कि जाओ हाथ धो। अपनी ऑब्सेशन पे अमल करो। लेकिन आपने इस फॉल्स अलार्म पे ध्यान नहीं देना। और आपने यहां पे करनी है वेगस नर्व्स एक्सरसाइजज़ और डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइजज़। दोस्तों, डीप ब्रीदीिंग एक्सरसाइजेज ऑफ वेगस नर्व स्टिमुलेशन। यह खास किस्म की टेक्निक है जो कि आपके दिमाग के इस फॉल्स अलार्म को बिल्कुल खत्म कर देता है। यानी कि आपकी ए्जायटी, आपकी दिलतंगी, आपकी इरिटेबिलिटी जो ऑब्सेशन की वजह से होता है उसको काम डाउन करता है। अगर आप भी इन टेक्निक्स के बारे में जानना चाहते हो तो यह उसका थंबनेल है और यह उसका लिंक है। हमारी इस वीडियो को जरूर देखना इसके बाद ताकि आप भी उस फॉल्स अलार्म को खत्म कर सको। दोस्तों अगर आप पहली दफा इसमें कामयाब हो गए, पहली दफा आपने इस फॉल्स अलार्म जिसको अनरियलिस्टिक थॉट्स भी कहते हैं यानी कि ऑब्सेशन को धोखा देने में कामयाब हो गए तो यकीन जानिए कि ये पहला स्टेप मुश्किल है। इसके बाद कामयाबी आपका आगे राह देख रही है। लेकिन याद रखिए इसमें डायरी राइटिंग बहुत जरूरी है और उसमें डेट का लिखना भी बहुत जरूरी है। साथ में जिस टाइम आपको ऑब्सेशन आए वो भी लिखें और एक कंपैरेटिव चार्ट बनाएं। आप सिर्फ एक हफ्ता दो हफ्ता करें और यकीन जाने कि जो लोग ओसीडी का शिकार हैं चाहे वो दवाई खा रहे हैं चाहे वो दवाई नहीं खा रहे मेरे साथ इस डायरी का पेज जरूर कमेंट करना मेरे लिए बहुत खुशी की बात होगी कि मैं एक भी बंदे की जिंदगी में बदला लूं मैं पर्सनली खुद उस बंदे को कमेंट में रिप्लाई दूंगा याद रखिए ये सारी टेक्निक्स जो मैं बता रही हूं यह साइंटिफिकली प्रूवन है इसके लिए थेरेपिस्ट बहुत ह्यूज डॉलर्स लेते हैं बहुत ज्यादा पैसे लेते हैं लेकिन इसके अलावा दोस्तों डॉक्टर रीड विल्सन जो कि ओसीडी पे एक बहुत माहिर हैं। उन्होंने भी एक सिक्स गेम थ्योरी के बारे में बताया है। उन्होंने तो ओसीडी को छह हिस्सों में डिवाइड किया है। उन्होंने कहा है कि तीन मोमेंट्स ओसीडी के हैं और अगले तीन मोमेंट्स आपके हैं। उन्होंने कहा है कि जो ट्रिगर या रिमाइंडर आता है जैसे हाथ धोना या स्टोव को चेक करना और उसके बाद ऑबसेशन का पॉप अप होना कि जाके मैं फिर चेक करूं कि आग या गैस तो नहीं निकल रही है। हाथ धोना या चेक करना कि ताला बंद है या नहीं। और उसके बाद जो पैनिकिक होता है, बंदे को ए्जायटी होता है, यह ओसीडी के हाथ में है। लेकिन उसके बाद तीन मोमेंट्स आपके पास हैं के उसको नोटिस करना कि यह ऑब्सेशन है। यह एक अनरियलिस्टिक थॉट है। उसके बाद टर्न योर बैक अपना अपनी कमर करो बाथरूम की तरफ, अपनी कमर करो स्टोफ की तरफ, अपनी कमर को करो अपनी गाड़ी की तरफ कि मैं चेक नहीं करूंगा। और जिन लोगों को एक्सिस्टेंशियल ओसीडी है, उनको रिलीजियस ओसीडी है, उनकी तरफ भी टर्न बैक करो कि मैं उसकी तरफ नहीं जाऊंगा। और उसके अलावा जाओ डायरी में यह लिखो एंड इंगेज इन समथिंग एल्स। मैं अपनी लाइफ पे फोकस कर रहा हूं। यह मैं नहीं कह रहा। ये डॉक्टर रीड विल्सन थी। उनकी सारी बातें मैंने आपको बड़े आसान तरीके से पहले बता दी ईआरपी तरीके से। यकीन करो इसने लोगों की जिंदगियां बदल दी हैं। याद रखो आपके लिए मैं एक बहुत प्रो टिप देख रहा हूं। जो लोग वीडियो के इधर तक पहुंच चुके बोनस ट्रिप है के ओसीडी से पहले पहले से अपना प्लान बना लो। थेरेपिस्ट के साथ या खुद के अगर थॉट आए तो मैं क्या करूंगा? यानी कि अगर आपको ऑब्सेशन आती है तो आप पहले से प्लान बना लो कि मैं ऑब्सेशन को चैलेंज करूंगा और मैं आई विल टर्न माय बैक। आई गो बैक और मैं डायरी पे लिखूंगा और उसके बाद मेरे पास हाथ में कोई चीज होगी जिसे हैंड ग्रिप और मैं हैंड ग्रिप करूंगा या मैं कोई ऐसा काम करूंगा जिससे मैं फोकस चेंज हो और मैं दिमाग को रीइंगेज करूंगा किसी एक चीज में। लेकिन अगर ओसीटी बहुत इंटेंस हो सिर्फ थेरेपी से फर्क ना पड़ता हो तो उसका भी एक सशन है। अगर थेरेपी यानी कि सीबीटी और ईआरपी और डॉक्टर जॉन रेट फील्ड की बातों से असर ना पड़े तो उसका भी बिल्कुल इलाज है। इसके साथ-साथ हम एंटी डिप्रेसेंट देते हैं। उसमें एसएसआरज है। ट्राईसाइक्लिक एंटी डिप्रेसेंट्स हैं। क्योंकि अगर ओसीडी बहुत सीवियर हो माइल्ड टू मॉडरेट में ये बहुत काम करता है। सेवे की इंटेंसिटी इतनी ज्यादा हो कि आपकी जिंदगी आपके दिन के छह सात घंटे खराब होते हैं तो हम दवाई देते हैं। दवाई सारी जिंदगी नहीं खानी। आपने एक साल से डेढ़ साल तक खानी है और आराम आराम से बेहतर हो जाएंगे। याद रखें दवाई डॉक्टर की हिदायत के बगैर नहीं छोड़नी। आराम आराम से छोड़नी है और आपकी ओसीडी खत्म हो जाएगी और साथ में अगर आप यह वीडियो देखें तो यकीन जाने यह पूरी एक थेरेपी है। पीपल चार्ज फॉर दी थेरेपीस। लेकिन आपके साथ यह हमने कोशिश की कि आसान से अल्फाज़ अल्फाज़ में बताएं। और दोस्तों याद रखिए कि एसएसआरआई एंटी डिप्रेसेंस मैजिक पिल नहीं होती। ये थेरेपी को और इफेक्टिव बना देती है। दोस्तों ओसीडी से रिकवरी पॉसिबल है। लेकिन उसके लिए अपने दिमाग को रिवायर करना, रिट्रेन करना और उसको ब्रेन जिम देना बहुत जरूरी है। उसमें सीबीटी ईआरपी का रोल बहुत इफेक्टिव है जो कि मैंने आपको वीडियो में बता दी। अगर आपको कोई प्यारा इसका सामना कर रहा है या आप खुद कर रहे हैं तो यह वीडियो उनके साथ जरूर शेयर कीजिएगा। दोस्तों आपको यह वाली वीडियो पसंद आई है तो आप मेरी यह वाली वीडियो देखना जिसमें मैंने ओसीडी क्या होती है? उसकी और क्या अलामात होती है और उसके साथ इसका क्या इलाज है उसके बारे में भी बात की है। यकीनन आपको वो वीडियो भी पसंद आएगी। दोस्तों मेरी कोशिश है कि इन वीडियोस के जरिए आपको साइकोलॉजिकल रेज़िलियंट दूं। आपको मेंटल हेल्थ अवेयर करूं और आपकी सोचों को ऐसी पावरफुल बनाऊं जैसे कि किसी इंसान की बॉडी एक जिम में बनती है। मेरी ये वीडियोस लोगों के साथ शेयर करना। अल्लाह ताला आपका हामी नासिर हो। कमेंट्स में मुझे जरूर अपना फीडबैक दीजिएगा।

OCD Recovery | OCD Treatment Options with CBT Therapy explained
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Are you or a loved one struggling with Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) and finding that medication isn’t providing the relief you need? In this video, Dr. Ali Mufti, a leading psychiatrist, provides a comprehensive guide to understanding and treating OCD, going beyond conventional medication to explore powerful therapeutic approaches. Many patients find that standard antidepressants don’t fully resolve their symptoms, and Dr. Mufti explains why a high-quality dose of antidepressants is often necessary to see a significant improvement. He delves into the critical role of therapies in managing and overcoming OCD.
Dr. Mufti highlights that mild to moderate cases of OCD can be effectively treated with psychotherapy and Cognitive Behavioral Therapy (CBT). He explains how these therapies work by helping patients convert their unrealistic, often distressing, thoughts into more realistic and manageable ones. The video provides a practical, step-by-step guide on how to perform these therapies. A key component discussed is Exposure and Response Prevention (ERP), a highly effective form of CBT that helps individuals confront their fears and obsessive thoughts without engaging in compulsive behaviors.
For those with severe OCD where therapies alone may not be sufficient, Dr. Mufti offers expert advice on medication management. He details the specific types of medicines that are most effective in severe cases, ensuring that viewers have a complete understanding of all available treatment options. This video serves as an invaluable resource for patients, caregivers, and mental health professionals seeking to understand the nuances of OCD treatment and find a path toward recovery and improved quality of life.
Timestamps
00:00 OCD intro
01:40 Psychotherapy
03:05 Exposure Response Prevention
05:40 Unrealistic thoughts
06:32 Six game theory
08:16 Treatment of ocd by medicines
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Disclaimer
This video is for educational purposes only and is not a substitute for professional guidance, advice, treatment, or diagnosis. We recommend you to reach out to a qualified healthcare provider or a mental health professional if you or someone you know are struggling.

6 Comments

  1. Dr shaab garmi jab par rahi hoti hai to bahahr jane par todi der baad panic anxiety hone lagti hai palpitations badne lagti hai muje anxiety panick jab se ane shuru hue tab se ye hua ab garmi me to jana hi padega business to karna padta garmi me bhi aik baar shahdi me gaya ta garmi me panic attcak a gaya ta garmi ka mosam ta tab se hai ye problem kya koi treatment hai sir plz explain iam from Australia

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