Intellectual Developmental Disorders | Psychiatry Unit-11 | Mental Health Nursing | Part-1 in Hindi
हेलो स्टूडेंट टुडे आई एम स्टार्टिंग अ न्यू चैप्टर ऑफ़ द साइकेट ए्री एंड देयर नेम इज़ नर्सिंग मैनेजमेंट ऑफ़ पेशेंट विद चाइल्डहुड एंड अडोलेशन डिसऑर्डर्स विद मेंटल डिफिशिएंसी। तो यहां पर जो है ये चैप्टर थोड़ा सा हार्ड है, थोड़ा कॉम्प्लिकेटेड है और इसको समझना जो है थोड़ा सा कठिन होता है क्योंकि जो है बहुत सारे टीचर जो है इस चैप्टर को इग्नोर मार देते हैं। और यहां पर जो है इस चैप्टर को बहुत अच्छे तरीके से पढ़ना है क्योंकि इससे क्वेश्चन पूछे जाते हैं हमारे यूजी में भी और अगर हम लोग बात करते हैं कंपिटिटिव एग्जाम पॉइंट ऑफ व्यू से तो वहां पर भी जो है ये चैप्टर बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है। तो तुम्हारे फ्यूचर में भी जो है ये सारे चैप्टर जो है काम आने वाले हैं। ओके? तो, यह लेक्चर थोड़ा लंबा होने वाला है क्योंकि जो इसको थोड़ा सा ज़्यादा डिटेल से पढ़ाने वाला हूं। डिटेल कुछ नहीं होगा, उतना ही पढ़ना है जितना सिलेबस में दिया हुआ है। ओके? तो, यहां पर जो आज के लेक्चर में जिस टॉपिक को हम लोग पढ़ने वाले हैं, उस टॉपिक का एक सिंपल सा नाम है और वह नाम है चाइल्डहुड एंड अलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर। इसका जो है हम लोग सबसे पहले जो है इंट्रोडक्शन करेंगे, क्या होता है? किस तरीके से होता है? क्या इसके एग्जांपल्स होते हैं? उसके बाद हम लोग देखेंगे इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। जहां पर जो इसके सारे टाइप्स को देखेंगे। कॉजिस के बारे में बात करेंगे। मैनेजमेंट के बारे में बात करेंगे। प्रिवेंशन के बारे में बात करेंगे। क्या होता है? किस तरीके से होता है? इसके एग्जांपल क्या होते हैं? कौन-कौन से मूवीज हैं? जो तुम देखोगे तो वहां पर समझ में आएगा कि किस तरीके से जो है ये डिसऑर्डर वर्क करता है। इन सभी चीजों के बारे में जो है हम लोग अच्छे तरीके से आज बात करने वाले हैं। ओके? तो बिना समय को बर्बाद करते हुए जो है सबसे फर्स्ट स्लाइड में चलते हैं और यहां पर सबसे फर्स्ट टॉपिक को देखते हैं। जिस टॉपिक का नाम है चाइल्डहुड एंड एडलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर। क्या होता है? मींस इसके इंट्रोडक्शन के बारे में हम लोग जो है सबसे पहले यहां पर बात करते हैं। तो यहां पे कह रहा है दीज़ आर मेंटल इमोशनल बिहेवियरल इशू दैट एपीयर इन अर्ली लाइफ्स एंड अफेक्ट लर्निंग सोशल स्किल एंड डेली फंक्शनिंग। यहां पे कह रहा है कि ये जो चाइल्डहुड एंड अडॉलेशन साइकेट्रिक डिसऑर्डर्स है, ये एक मेंटल इमोशनल एंड बिहेवियरल इशू है। मींस यहां पर जो है मेंटल कंडीशन खराब होते हैं। इमोशनल कंडीशन खराब होते हैं और बिहेवियरल इशू यहां पर देखने को मिलता है। दैट एपीयर इन अर्ली लाइफ मींस जो है ये जो है अर्ली लाइफ्स में देखने को मिलते हैं। मींस बहुत कम उम्र में जो है देखने को मिल जाता है। एंड इफेक्ट ये इफेक्ट क्या करता है? लर्निंग स्किल को, सोशल स्किल को और डेली फंक्शनिंग को भी जो है ये पूरे तरीके से जो है खराब करके रख देता है। अब यहां पर जो इससे पहले कि मैं शुरू करूं यहां पर एक चीज को बताना भूल गया वो बता देता हूं। यहां पर होता है कि जब बात करते हैं चाइल्डहुड एंड एडलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर। तो एडॉलेसेंट का मतलब क्या होता है? तो एडोलसेंट के मतलब जो होते हैं ऐसे बच्चे होते हैं जो 10 ईयर से लेकर 20 ईयर तक में होते हैं। 10 से 20 साल के बच्चे को जो है एडोलेसेंट पीरियड में रखा जाता है। तो यहां पर ऐसे डिसऑर्डर के बारे में बात करेंगे या तो वो चाइल्डहुड में हुआ हो या तो जो है वो एडोलेसेंट पीरियड में देखने को मिला हो एंड इट इज कॉल्ड द चाइल्डहुड एंड एडलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर। ओके? अब यहां पर आ रहा है कि देयर आर डिफरेंट फ्रॉम एडल्ट्स। ये जो है एडल्ट से अलग क्यों है? हम लोगों ने इतने सारे डिसऑर्डर के बारे में बात किया था जो कि एडल्ट को होता था। लेकिन ये एडल्ट से अलग क्यों है? इसको अलग कैटेगरीज में क्यों रखा गया? तो यहां पे कह रहा है कि चिल्ड्रन रेयरली सिक हेल्प देमसेल्फ। जो बच्चे होते हैं उसको पता नहीं होता है कि मेरे साथ क्या चल रहा है। क्या कंडीशन चल रहा है। मेरे अंदर कौन-कौन से सिम्टम्स चल रहे हैं? उसको ज्यादा पता नहीं होता है और वो जो है अपने बड़ों से हेल्प भी नहीं मांगते हैं। ओके। अगर दर्द होगा तो बोलेगा मम्मा-म्मा मेरे को दर्द हो रहा है या फिर खांसी होगा तो तुम्हें दिखेगा। लेकिन जब इस तरीके के प्रॉब्लम्स उसको होते हैं तो वो जो है अच्छे तरीके से हेल्प नहीं मांग सकते हैं। यहां पर जो है उसके पेरेंट्स यहां पर उसके टीचर जो है सबसे पहले जो है उसको फर्स्टली तरीके से जो है नोटिस करते हैं। अगर पेरेंट्स को पता चल रहा है। टीचर्स को पता चल रहा है। केयर गिवर्स को पता चल रहा है कि इसके अंदर ये प्रॉब्लम्स है तभी जो है उसको डॉक्टर के पास जो है ले जाया जाता है। दैट्स वाय जो है इसको एडल्ट से अलग रखा गया। ओके नेक्स्ट स्टेप होता है बिहेवियर मस्ट बी जज्ड बाय एज एंड डेवलपमेंटल स्टेज और यहां पर जब भी जो है हम लोग किसी बच्चे के बिहेवियर को जज करते हैं तो यहां पर उसके एज के हिसाब से उसके डेवलपमेंटल स्टेज के हिसाब से जज करते हैं कि क्या इस बच्चे को अगर मेंटल विकास नहीं हुआ है तो क्या अगर वो उस ऐज में पहुंचा है तो उस पर्टिकुलर ऐज में क्या बच्चे का विकास होता है? मींस हो सकता है कि बच्चे 2 साल के हो और यहां पर मां-बाप सोच रहे हो कि 2 साल में वो बोलना सीख जाए। अच्छे तरीके से हंसना सीख जाए या फिर इमोशन देना सीख जाए। तो ऐसा नहीं होता है। लेकिन अगर जो है पांच साल का बच्चा हो गया हो और अगर उसमें ये सारे चीज नहीं आ रहे हों तो यहां पर पता चलता है कि हां उसको डेवलपमेंटल प्रॉब्लम्स हुए हैं। ओके। नेक्स्ट यहां पे कह रहा है कि ट्रीटमेंट इनवॉल्व फैमिली स्कूल थेरेपी नोट जस्ट मेडिसिन। यहां पर जो है जो ट्रीटमेंट होते हैं, यहां पर सिर्फ मेडिसिन का यूज नहीं किया जाता है। यहां पर फैमिली यूज होता है। स्कूल्स भी यूज होते हैं और थेरेपीस भी दिए जाते हैं और इन सभी के माध्यम से जो है यहां पर चाइल्डहुड एंड एडोलसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर्स को सही किया जाता है। ओके। अब क्या होता है? कैसे होता है? वो तो देखेंगे ही। लेकिन यहां पर होता है व्हाई इंपॉर्टेंट? आखिर ये इंपॉर्टेंट क्यों है? क्योंकि जो है अर्ली डिडक्शन इज इक्वल टू बेटर आउटकम? जितना जल्दी पता चल जाए कि बच्चे को जो है साइकेट्रिक डिसऑर्डर हुआ है, उतना जल्दी ही जो है, वह ठीक हो सकता है। क्योंकि अर्ली डिटेक्शन अगर करते हैं, तो यहां पर शुरुआती दौर से ही जो है इलाज होना शुरू होगा। और शुरुआती दौर से अगर जो है इलाज होना शुरू होता है, तो ठीक होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। ओके? नेक्स्ट यहां पे हो रहा है कि प्रिवेंट एकेडमिक फेलियर एंड सोशियल आइसोलेशन। अगर जो है हो सकता है कि ये चीज ज्यादा बढ़ जाए। साइकेट्रिक डिसऑर्डर जो है बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ जाए। यहां पर एकेडमिक फेलियर देखने को मिलेगा। पढ़ नहीं पाएगा। इंटेलिजेंस उसका कम हो जाएगा या फिर सोशल आइसोलेशन में चला जाएगा। किसी से बातें नहीं करेगा। सोसाइटी में मिलना नहीं चाहेगा। ऐसे चीज जो है देखने को मिल सकते हैं। और अगर जो है अर्ली डिडक्शन होता है तो ये सपोर्ट होता है ओवरऑल ग्रोथ को और हैप्पीनेस को ताकि बच्चे जो है अच्छे तरीके से ग्रो करें और अच्छे तरीके से जो है हैप्पीनेस में जाएं। ओके? तो दैट्स द इंट्रोडक्शन ऑफ़ चाइल्डहुड एंड अडोलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर। अब यहां पर जो है एक एग्जांपल के माध्यम से समझते हैं कि आखिर जब ऐसे डिसऑर्डर्स होते हैं तो यहां पर बच्चों के अंदर कौन-कौन से चीज देखने को मिलते हैं। एक छोटा सा एग्जांपल है इसको समझो ताकि इसको फील कर सको। ओके? जो डिसऑर्डर्स है उसको फिल करना जरूरी है ताकि जो है तुम्हें जो है इसको रट्टा मारना ना पड़े। तो यहां पर आता है बहुत सारे एग्जांपल्स जो कि जो है हम लोग आगे चल के देखेंगे। तो यहां पर पहला होता है एडीएचडी इसको कहते हैं हाइपर एक्टिविटीड। तो यहां पर क्या होता है? इसके बारे में हम लोग आगे बात करेंगे अच्छे तरीके से। क्या होता है? फुल फॉर्म क्या होता है? किस तरीके से कंडीशन देखने को मिलता है? लेकिन, यह पार्ट है इसी डिसऑर्डर का। तो यहां पे कहा गया कि रोहन एक सेवन ईयर ओल्ड लड़का है। ऑलवेज रेस्टलेस इंट्रप्ट्स टीचर फॉरगेट होमवर्क। ये जो है हमेशा रेस्टलेस होता है। मींस यहां पर वो चैन से बैठ नहीं पाता है। बिल्कुल उछलते कूदते रहता है। ओके? हाइपर एक्टिव डिसऑर्डर इसको बोला जाता है। अगर उसको जो है बोल दो कि जाके थोड़ा देर के लिए बैठ जा। वो बैठ नहीं पाएगा। हमेशा टीचर को इंट्रप्ट करता है एंड फॉरगेट होमवर्क मीन जो है हमेशा होमवर्क नहीं बनाता है। हमेशा होमवर्क को भूल जाता है। एंड दैट इज कॉल्ड द एडीएचडी। ओके? नेक्स्ट यहां पे आता है ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर। यहां पर जो है सोशल डिफिकल्टी देखने को मिलता है। जो बच्चे होते हैं वो सोसाइटी से मिलना जुलना नहीं चाहते हैं। जैसे यहां पे एग्जांपल दिया गया अनन्या फाइव ईयर ओल्ड लड़की है। स्पीक वेरी लिटिल बहुत कम बोलती है। अवॉयड आई कांटेक्ट किसी से आंखें नहीं मिलाती है। लव्स प्लेइंग अलोन और वो जो है अकेला ही खेलना पसंद करती है। वो दोस्त ज्यादा नहीं बनाती है। दोस्तों के साथ नहीं रहती है। बिल्कुल अकेले रहती है। और वह जो है बहुत कम बोलती है। बहुत कम से आंखें मिलाती है। एंड दैट इज द सिम्टम्स ऑफ एगोटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर। ओके, यह भी एक एग्जांपल है। नेक्स्ट है इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी अगर इंसान को होता है, जैसे यहां पे कहा गया अमित है 10 ईयर ओल्ड। यह कैन नॉट रीड यह पढ़ नहीं पाता है, लिख नहीं पाता है लाइक हिज क्लासमेट्स। जैसे उसके जो क्लासमेट्स हैं वो पढ़ लेता है, लिख लेता है अच्छे तरीके से एक्सप्लेन करता है। वह ऐसा नहीं कर पाता है। नीड्स हेल्प इन डेली टास्क और उसको जो है हेल्प चाहिए डेली टास्क करने में। मीन खुद से जो है वो अपने डेली टास्क भी नहीं कर पाते हैं। तो दैट्स ऑल आर द एग्जांपल व्हिच इज कमिंग अंडर दिस ऑल डिसऑर्डर। कौन से डिसऑर्डर? तो चाइल्डहुड एंड एडलेसेंट साइकेट्रिक डिसऑर्डर्स। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखते हैं कि किस तरीके से इसको समरी किया गया है। तो यहां पर एक लाइन में समरी किया गया कि चाइल्ड साइकेट्रीज अबाउट अंडरस्टैंडिंग किड्स। क्या कह रहा है कि जो चाइल्ड साइकेट्री है, ये पूरे के पूरे मतलब होता है कि बच्चे को समझना। अगर बच्चे को नहीं समझ पाए तो उसके डिसऑर्डर को किस तरीके से समझेंगे? तो चाइल्ड साइक्रेटरी जो होता है वो अंडरस्टैंड करना होता है किड्स को किड्स के माइंड को हेल्पिंग देम ग्रो उसको जो है हेल्प करना है ग्रो करने में एंड गाइडिंग फैमिलीज फॉर ए ब्राइटर फ्यूचर ताकि जो है उसके फैमिलीज को हम लोग हेल्प कर सके कि किस तरीके से उस बच्चे का जो है फ्यूचर ब्राइट होगा। तो ये सभी चीज जो है इसी के अंदर आता है। ये जो है एक इंट्रोडक्शन का समरी था। ओके। अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखने को मिलता है आईसीडी 11 क्लासिफिकेशन चार्ट। आखिर जो है इसको किस तरीके से जो है इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज एंड डिसऑर्डर जो है जो कि अभी अपडेटेड है 11 वाला वो किस तरीके से इस डिसऑर्डर को जो है क्लासिफाई किया है। तो यहां पर जो है बहुत सारे कैटेगरीज में रखा गया है। लगभग चार या पांच या छह कैटेगरीज है। इसको सभी में रखा गया है। पहला यहां पे देखने को मिलता है डिसऑर्डर्स ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट। क्या है? डिसऑर्डर्स ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट जो कि हम लोगों का आज का टॉपिक है। इसको पूरा डिटेल से पढ़ने वाले हैं। ओके? तो इसको कोडिंग किया गया आईसीडी 11 में 6 ए00 से लेके 6 ए03 तक और इसी को पहले बोला जाता था क्या? प्रीवियसली कॉल्ड मेंटल रिटार्डेशन। इसको जो है आईसीडी 10 में जो है मेंटल रिटार्डेशन के नाम से जाना जाता था। लेकिन जो आईसीडी 11 है वहां पर इसको रखा गया डिसऑर्डर्स ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट मींस इंसान का जो इंटेलेक्चुअल थिंग्स है जो उसका इंटेलिजेंस है वो सही तरीके से विकास नहीं कर पा रहा है। यहां पर बहुत सारे कोर्स होते हैं जैसे सिक्स एरो में होगा माइल्ड वाला मॉडरेट वाला सीवियर वाला प्रोफाउंड वाला ये सारे कोर्स हैं और इसी को जो है हम लोग एक्सप्लेन से पढ़ेंगे और इसके फीचर्स क्या होते हैं? फीचर्स में बोला गया लो आईक्यू मींस जो है लो इंटेलिजेंस यहां पे होगा। इंपयर्ड एडप्टिव फंक्शनिंग और यहां पर जो है अच्छे तरीके से फंक्शनिंग नहीं कर पाएगा। जैसे कि अपने आप का सेल्फ केयर करना, सही तरीके से कम्युनिकेशन करना, सोशल स्किल अच्छे तरीके से नहीं रहेगा। एंड ऑनसेट इन डेवलपमेंटल पीरियड और जो है यहां पर जो डेवलपमेंटल पीरियड जो होते हैं वहां पर सही तरीके से उसका विकास नहीं होना या फिर उसी समय ये सारे चीज जो है देखने को मिलते हैं। और यहां पर एग्जांपल के तौर पर देखते हैं तो यहां पे देखने को मिलता है डाउन सिंड्रोम जो कि एक जेनेटिक बीमारी है और ये ज्यादा पॉपुलर भी है। ओके? उसके बाद जो आता है वो है न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स जिसको जो है हम लोग नेक्स्ट वाले क्लास में पढ़ेंगे और इसको क्लासिफाई किया गया आईसीडी 11 कोड्स के द्वारा 6 A01 से लेके 6 A05 अब यहां पे कोई बच्चा होगा जिसको जो है इस तरीके का सवाल आएगा कि सर जो डिसऑर्डर ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट है वहां पर भी तो 6 A 0 है। 6 A01 है। यहां पर भी 6 A01 है। 6 A03 है। क्यों है सर? तो यहां पर क्या है कि सिक्स क्या होता है? एक चैप्टर होता है। उसके जो है यूनिट होते हैं और इसको जो है उसी तरीके से बांटा जाता है। मींस जो है जिस चैप्टर के सब यूनिट होते हैं उस सब यूनिट में जो है ये वाले भी आते हैं और ये वाले भी आते हैं। तो दोनों जो है एक ही चैप्टर के अंदर एक ही यूनिट के अंदर जो है सब यूनिट में देखने को मिलते हैं। इसीलिए जो है उसको एक ही चैप्टर में रखा गया है या फिर एक ही तरीके के कोडिंग देखने को मिलता है। यहां पर आता है 6A01 जहां पर देखने को मिलता है डेवलपमेंटल स्पीच एंड लैंग्वेज डिसऑर्डर। एग्जांपल में है स्टेमरिंग। नेक्स्ट है 6A03 डेवलपमेंटल लर्निंग डिसऑर्डर। यहां पर जो है बच्चे अच्छी तरीके से रीड नहीं कर पाएंगे, राइटिंग नहीं कर पाएंगे। मैथ इशू देखने को मिलेगा। 6A04 डेवलपमेंटल मोटर कोऑर्डिनेशन डिसऑर्डर जहां पर डिस्परेक्सिया देखने को मिलता है। 6A05 ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर जैसे सोशल एंड कम्युनिकेशन डेफिसिट डिपिटेटिव बिहेवियर ये भी देखने को मिलता है। तो एक मूवी है तारे जमीन पे। जो तारे जमीन पर जो बच्चा होता है जो अमीर खान का मूवी है उस बच्चे को जो है ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर ही हो गया होता है। अगर इसके बारे में जानना है तो तुम जाकर के जो है उस मूवी को देख सकते हैं। ओके अब नेक्स्ट यहां पे चलते हैं और यहां पर नेक्स्ट देखने को मिलता है अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर जिसको एडीएसडी बोला जाता है और एटीएसडी के बारे में हम लोगों ने जो है एग्जांपल में भी देखा था। तो अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर यहां पर कोई भी जो बच्चा है वो अच्छे तरीके से किसी भी चीज में अटेंशन नहीं दे पाता है। फोकस नहीं कर पाता है और हमेशा हाइपर एक्टिव होता है। इन शांत से बैठ ही नहीं पाएगा। इसको आईसीटी 11 कोडिंग किया गया 6a05 यहां पर देखने को मिलता है। इन अटेंशन अटेंशन नहीं कर पाएगा। हाइपरएक्टिविटी बहुत ज्यादा एक्टिव रहेगा। इंपल्सिबिविटी रहेगा इन प्रेजेंट इन इक्वल टू टू या फिर जो है ग्रेटर देन टू सेटिंग्स या फिर स्कूल हो सकता है या फिर होम हो सकता है। इन सभी जगह पर जो है वो बहुत ज्यादा जो है हाइपर एक्टिव देखने को मिलेगा। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है फोर्थ नंबर का कंडक्ट एंड अपोजिशनल डिसऑर्डर। इसको कोडिंग किया गया 6C90 से। और इसका फीचर क्या है? जब किसी बच्चे को कंडक्ट एंड अपोजिशनल डिसऑर्डर होते हैं तो यहां पर बच्चे बहुत ज्यादा गुस्सैल हो जाते हैं। टुवर्ड पीपल, टुवर्ड एनिमल या फिर रूल ब्रेकिंग हर एक रूल को तोड़ेंगे। किसी का बात नहीं मानेंगे। उल्टे जो है तुम्ही को गाली दे देंगे। तो यहां पर झूठ बोलना सीख जाते हैं। चुराना सीख जाते हैं या फिर वायलेशन ऑफ सोशियल नॉर्म्स। जो भी जो है सोसाइटी के रूल्स हैं, रेगुलेशंस है उन सारे को जो है वायलेट करना शुरू कर देगा। एंड दैट इज कॉल्ड द कंडक्ट एंड अपोजिशनल डिसऑर्डर। ओके? अब नेक्स्ट जो यहां पे देखने को मिल रहा है वो है एंजाइटटी एंड इमोशनल डिसऑर्डर जो कि चाइल्डहुड ऑनसेट चाइल्डहुड में जो है अचानक से आता है और इसको कोड किया गया 6B बी00 से लेके 6 बी जेड तक और यहां पर इंक्लूड होते हैं सेपरेशन एंजाइटटी डिसऑर्डर मींस जो है अगर बच्चे को अलग किया जाए तो वहां पर बच्चे को एंजायटी होता है और उस कारण से अलग-अलग चीज देखने को मिलते हैं। स्पेसिफिक फोबिया किसी पर्टिकुलर चीज से डर लगना या फिर सोशियल एंजायटी डिसऑर्डर मीनंस जो है सोसाइटी में जाने से डर लगना दैट इज कॉल्ड द सोशियल एंजायटी डिसऑर्डर और ये सारे आते हैं एंजायटी एंड इमोशनल डिसऑर्डर्स के अंदर। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है नेक्स्ट एंड लास्ट वो है टिक डिसऑर्डर। टिक डिसऑर्डर में क्या होता है? इंसान को किसी एक पर्टिकुलर चीज का बिहेवियर आ जाता है और वह पर्टिकुलर चीज को बार-बार करना शुरू कर देता है। मींस जो है रिपीिटेटिव तरीके से करना शुरू कर देता है। यहां पे टोडेट सिंड्रोम भी देखने को मिलते हैं। जैसे यहां पे होता है मोटर्स प्लस वोकल्टिक्स। टोडेट सिंड्रोम पर जो है एक बहुत अच्छा मूवी है और वो है हिचकी। हिचकी नाम का मूवी है। तुम जाकर देख सकते हो। रानी मुखर्जी जो है इसको लीड रोल किया है। बहुत अच्छा मूवी है और वहां पे तुमको पता चलेगा कि किस तरीके से जो है टोरेट सिंड्रोम होता है। यहां पर जो इंसान होता है उसको मोटर एक्टिविटी भी होते हैं। मींस उसको जो है अलग-अलग तरीके के एक चीज होता है जैसे कि बार-बार जो है इस तरीके से ठोकना या फिर वोकल टिक्स आना मीन्स जो है किसी पर्टिकुलर तरीके के आवाज जो है बार-बार निकालना। इट इज कॉल्ड द टोडेट सिंड्रोम और यहां पर जो है पर्सिस्टेंट एंड ट्रांसिएंट टिक डिसऑर्डर्स देखने को मिलते हैं और इसको कोडिंग किया गया है आईसीडी 11 के द्वारा 805.0 से लेके 8A05 तक। तो एक मूवी है उसको अच्छे तरीके से देखना वो है हिचकी। ओके एक और मूवी बताया थे जिसका नाम है तारे जमीन पे। ओके यहां पर भी जो है बहुत अच्छे तरीके से जो है मेंटल डिसऑर्डर को दिखाया गया है। और एक और नया मूवी है वो है सितारे जमीन पे। वो भी जो है बहुत अच्छे तरीके से दर्शाता है कि किस तरीके से जो है बच्चे के अंदर जो है मेंटल डिसऑर्डर्स देखने को मिलते हैं। ओके अब बिना समय को बर्बाद किए हुए हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखते हैं इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर मींस फर्स्ट टाइप को और यहां पे हम लोग देखेंगे कि इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर क्या होता है? किस तरीके से होता है? कॉजेस क्या-क्या होते हैं? किस-किस तरीके के सिम्टम्स होते हैं? क्या-क्या प्रिवेंशन लिया जाता है? या फिर क्या-क्या रिहबिलिटेशन इसको दिया जाता है? मैनेजमेंट क्या होता है? इन सभी चीज के बारे में हम लोग अच्छे तरीके से बात करने वाले हैं और उससे पहले हम लोग जो है सबसे पहले इसका इंट्रोडक्शन लेते हैं कि आखिर इसको इंट्रोड्यूस किस तरीके से किया जाए। तो यहां पे कहा गया कि इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर जो आईडी होता है एक कंडीशन है वेयर ए चाइल्ड हेड सिग्निफिकेंटली बिलो एवरेज इंटेलिजेंस यहां पर बच्चे को जो है बहुत ही बिलो एवरेज इंटेलिजेंस होता है। मींस जो इंटेलिजेंस होता है किसी चीज को करने का, किसी चीज को समझने का, किसी चीज को जो है अच्छे तरीके से एक्सप्लेन करने का वो अच्छे तरीके से यहां पर नहीं कर पाएगा। और यहां तक कि वहां पर डिफिकल्टी होता है डेली लाइफ स्किल में। मींस जो डेली लाइफ में जो स्किल यूज होते हैं, किस तरीके से मुंह धोना है, नहाना है, खाना है, काम करने हैं। ये सब भी जो है अच्छे तरीके से नहीं कर पाते हैं। यहां पर अगर हुआ टॉकिंग करना तो टॉकिंग नहीं कर पाएंगे। लर्निंग अच्छे तरीके से नहीं होगा या फिर सोशलाइजिंग सही तरीके से नहीं होता है और ये सारे प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स में। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है इट बिगेन बिफोर 18 ईयर ऑफ एज ये जो है 18 साल के उम्र से पहले देखने को मिलता है या फिर उससे पहले जो है इसका शुरुआत हो जाता है एंड अफेक्ट इंडिपेंडेंस इन एडल्टहुड और इस कारण से जो है एडल्टहुड में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे और इस कारण से वो जो है दूसरे पे डिपेंडेंट हो जाएंगे या फिर जो है इंडिपेंडेंट तरीके से जो है अपना लाइफ को नहीं जी पाते हैं। वो पूरे तरीके से जो है दूसरे पे निर्भर हो जाते हैं। एंड दैट इज कॉल्ड द इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। अब इसको जो है यहां पर एक रियल लाइफ एग्जांपल के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं कि क्या होता है। ओके? इसको फिल भी करना जरूरी है। तो यहां पे कहा गया मीट रोहन हम लोग जो है रोहन से मिलते हैं। एन एट ईयर ओल्ड बॉय यहां पर जो बच्चे का उम्र है वो 8 साल का है। कितने उम्र है? आठ साल का है। व्हाइल हिज फ्रेंड्स रीड शॉर्ट्स स्टोरीज। यहां पर जो उसके दोस्त होते हैं जब जो है वह शॉर्ट स्टोरी को पढ़ रहे होते हैं। रोहन स्ट्रगल टू रिकॉग्नाइज लेटर। यहां पर जो है जो रोहन होता है वो कि जो है एक लेटर को समझने में भी जो है असमर्थ होता है। सही तरीके से जो है लेटर को पहचान नहीं पाता है। जबकि उसके साथी जो है अच्छे तरीके से शॉर्ट स्टोरीज को पढ़ रहे होते हैं। एंड नीड्स हेल्प विद ड्रेसिंग एंड ईटिंग और उसको जो है यहां तक ड्रेसिंग करने में या फिर खाने में भी जो है दूसरे का मदद चाहिए होता है। ओके? एक बच्चा है रोहन वो आठ साल का है। यहां तक कि जो उसके दोस्त होते हैं वो अच्छे तरीके से स्टोरीज को पढ़ रहे हैं, समझ रहे हैं। लेकिन ये एक ऐसा बच्चा है जो कि कुछ भी चीज अच्छे तरीके से नहीं कर पा रहा है। यहां तक कि लेटर को रिकॉग्नाइज भी नहीं कर पा रहा है और उसको खाने के लिए कपड़े पहनने के लिए भी जो है इंसानों की जरूरत होती है। मींस दूसरे पे ये डिपेंडेंट है। नेक्स्ट कह रहा है ही स्पीक इन वेरी सिंपल वर्ड। बहुत ही आसान भाषा में बोलता है। बहुत ही कॉम्प्लेक्स वर्ड का यूज नहीं करता है। एंड फाइंड इट हार्ड टू मेक फ्रेंड्स और यह बहुत मुश्किल से ही जो है दोस्त को बना पाता है। मींस वो बहुत ज्यादा जो है सोशलाइज नहीं है। लोगों से बात नहीं करता है। बिल्कुल अकेले रहना पसंद करता है। नेक्स्ट कह रहा है कि आफ्टर असेसमेंट जब इसका असेसमेंट किया गया अच्छे तरीके से डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर यहां पे डायग्नोस करता है हिम विद मॉडरेट आईडीडी। मॉडरेट आइडडी मींस मॉडरेट इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। और इसका मीनिंग होता है कि ही कैन लर्न सेल्फ केयर एंड बेसिक स्किल विद स्पेशल ट्रेनिंग एंड फैमिली सपोर्ट। मींस वो चीजों को सीख तो सकता है। अपने आप का केयर तो कर सकता है लेकिन जो है यहां पर उसको स्पेशल ट्रेनिंग देना होगा। मींस वो खुद से आसानी तरीके से चीजों को नहीं सीख पाएगा। उसको जो है स्पेशल ट्रेनिंग देना होगा चीजों को सिखवाने के लिए। दैट इज कॉल्ड द मॉडरेट आईडी मींस मॉडरेट इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखने को मिलता है डेफिनेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। जब हम लोग बात करते हैं इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर का तो इसको डेफिनेशन किस तरीके से किया जाए। तो यहां पर जो है मैंने इसको तोड़ दिया है। तुम कोशिश करना सभी को साथ लिखने का क्योंकि मैं तोड़ा हूं क्योंकि तुम समझ सको अच्छे तरीके से। तो यहां पे कहा है कि आईडीडी मींस इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर इज ए न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। यहां पर क्या है? इट इज़ अ न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर। यहां पर जो न्यूरॉन का डेवलपमेंट जो है सही तरीके से नहीं हुआ है। जो कैटेगराइज़ कर रहा है किसके द्वारा? सिग्निफिकेंटली बिलो एवरेज इंटेलेक्चुअल फंक्शनिंग। इंसान को जो है सिग्निफिकेंटली तरीके से जो है एवरेज इंटेलेक्चुअल फंक्शनिंग है। मींस बहुत ही बेसिक मात्रा जो होता है उससे कम है। उससे कम जो है उसका दिमाग काम करता है। उसका इंटेलेक्चुअल फंक्निशनिंग जो है बिलो एवरेज है। नेक्स्ट कह रहा है डेफिसिट इन एडप्टिव बिहेवियर। जो एडप्टिव बिहेवियर होता है चाहे वो पर्सनल इंडिपेंडेंस हो अपने काम खुद से करना हो या फिर सोशल रिस्पांसिबिलिटी हो उन सभी को जो है अच्छे तरीके से नहीं निभा पाता है एंड नेक्स्ट यहां पे कह रहा है कि ऑनसेट बिफोर 18 ईयर ऑफ एज मीन ये जो प्रॉब्लम्स हैं ये 18 साल से पहले ही आते हैं उसी के पहले जो है देखने को मिलता है। ओके? तो ये था डेफिनेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर जो कि इंपॉर्टेंट है और ये तुमको याद करना है। अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है की पॉइंट्स। कुछ इंपॉर्टेंट की पॉइंट्स है इसको थोड़ा सा देख लेते हैं। तो यहां पे कह रहा है कि जो उस इंसान का आईक्यू होगा वो 70 के लगभग होगा या फिर 70 से कम होगा। मींस 70 से कम आईक्यू देखने को मिलेगा। एक नॉर्मल इंसान जो होता है जिसका बुद्धि जो है एक नॉर्मल होता है। उसमें भी जो है कम से कम जो है 90 से ऊपर ही देखने को मिलता है। ओके? लेकिन यहां पर अगर 75 है, 75 से बिलो है तो यहां पर उस इंसान को जो है माइल्ड रिटार्डेशन देखने को मिल सकता है या फिर और माइल्ड से मॉडरेट जाएगा, मॉडरेट से सीवियर जाएगा, सीवियर से प्रोफाउंड जाएगा। ये सारे जो है देखने को मिल सकते हैं। तो यहां पर इंसान का आईक्यू जो है लगभग 75 या फिर जो है 70 से कम देखने को मिलेगा। ओके? नेक्स्ट है डेफिसिट इन एडप्टिव बिहेवियर। उसके अंदर जो है एडप्टिव बिहेवियर कम होंगे जिसके बारे में हम लोग आगे बात कर चुके हैं कि पर्सनल इंडिपेंडेंस होगा या फिर सोशल रिस्पांसिबिलिटी को सही तरीके से फॉलो नहीं कर पाएगा एंड ऑनसेट बिफोर 18 ईयर। ओके? अब यहां पर बात करते हैं जो फार्मूला होता है जिसके बारे में हम लोग साइकोलॉजी में भी बात किया था। इंटेलिजेंस वाले लेक्चर में। तो इंटेलिजेंस क्वेश्चंट को निकालने का जो फार्मूला होता है वो होता है आईक्यू इज इक्वल टू मेंटल एज बाय क्रोनोलॉजिकल एज * 100। क्या होता है? मेंटल एज बाय क्रोनोलॉजिकल एज इन 100 और मेंटल एज जो है अलग-अलग टेस्ट के माध्यम से अलग-अलग सिचुएशन के हिसाब से जो है यहां पे निकाला जाता है। यहां पे बहुत सारे चीज देखने पड़ते हैं। इंसान के अंदर कितना स्किल है? क्या-क्या चीज करने का क्षमता है? दूसरे के लोगों से यहां पे मिलाया जाता है और उसके हिसाब से जो है इंसान का मेंटल एज निकाला जाता है। और क्रोनोलॉजिकल एज होता है कि इंसान का रियल एज क्या है? उसका जो जीवन है वो कितना जीवन वो जिया है? एंड दैट इज कॉल्ड द क्रोनोलॉजिकल एज। तो मेंटल एज बाय क्रोनोलॉजिकल एज इन 100 करते हैं। तो यहां पर आईक्यू निकलता है मीन इंटेलिजेंट क्वेश्चंट और इसके माध्यम से हम लोग पता लगा पाते हैं कि एक इंसान का इंटेलिजेंस कितना लेवल पर है। जितना अपर लेवल का होगा उतना ज्यादा जो है वो इंटेलिजेंट होता चला जाएगा। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखने को मिलता है क्लासिफिकेशन बेस्ड ऑन आईक्यू। तो जो आईक्यू का आधार है मींस इंसान को कितना आईक्यू होना चाहिए उसके हिसाब से यहां पर इसको क्लासिफाई किया गया। तो जो माइल्ड था माइल्ड आइडेंटिटी मींस माइल्ड इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर यहां पर जो आईक्यू रेंज देखने को मिलेगा वो देखने को मिलेगा 50 टू 70 और ये कैन लर्न एकेडमिक एंड सोशल स्किल ये एकेडमिक एंड सोशल स्किल को लर्न कर सकता है। ओके? फिर होगा मॉडरेट वाला यहां पर जो है ट्रेनेबल होता है मींस इसको ट्रेन करना पड़ेगा और इसका जो आईक्यू रेंज होता है वो होता है 35 से 50 यहां पर उसको असिस्टेंट चाहिए एंड कैन लर्न सेल्फ केयर अपना सेल्फ केयर कर पाएगा फिर सीवियर वाला जो आईडी होता है मींस सीवियर इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर यहां पर जो है वो पूरे तरीके से डिपेंडेंट हो जाएगा और जहां पर आईक्यू देखने को मिलेगा 20 टू 35 नीड कंटीन्यूअस सुपरविजन ये जो है कंटीन्यूअस सुपरविजन में रहेगा और एक होता है प्रोफाउंड जहां पर जो है पूरे तरीके से लाइफ सपोर्ट में रहता है। उसको एक ना एक इंसान हमेशा 24 हावर चाहिए और यहां पर उसके आईक्यू होते हैं लेस देन 20 टोटली डिपेंडेंट होते हैं। मिनिमल फंक्शनिंग जो है वो कर पाता है। कोई भी काम जो है अपने डेटा टास्क को भी जो है सही तरीके से नहीं कर पाएगा। ओके। तो ये था क्लासिफिकेशन बेस्ड ऑन आईक्यू और इन सभी के बारे में हम लोग आगे चलके जो है पूरा डिटेल से पढ़ने वाले हैं। क्या होता है? किस तरीके से होता है? किस-किस तरीके के चीज जो है यहां पर देखने को मिलते हैं। लेकिन हां यहां पर एक क्लासिफिकेशन दिया गया और इसको जो है तुम अच्छे तरीके से याद कर सकते हो कि माइल्ड होता है, मॉडरेट होता है, सीवियर होता है, प्रोफाउंड होता है, माइल्ड वाला एजुकेबल होता है, मॉडरेट वाला ट्रेनेबल होता है, सीवियर वाला डिपेंडेंट होता है या फिर प्रोफाउंड वाले जो है लाइफ सपोर्ट में ही जो है रह सकते हैं। ओके, अब यहां पर हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर नेक्स्ट देखने को मिलता है एपिडेमोलॉजी। मीन्स यहां पर कुछ डाटा के बारे में बात करेंगे जो कि इंपॉर्टेंट है जो कि हमारे समाज का है। तो यहां पर कहा गया जो ग्लोबल प्रिविवेलेंस के बारे में बात करते हैं तो ग्लोबल प्रिविवेलेंस मींस ये जो डिसऑर्डर्स है जो कि जो है इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है ये पूरा का पूरा अगर हम लोग ग्लोबली तरीके से बात करें तो इसका प्रिविवेलेंस जो है 3.1% है। मींस 100% में जो है 3.1% ऑफ चिल्ड्रन एंड एडोलसेंट्स में जो है इसके अंदर देखने को मिल सकते हैं। या फिर इतने परसेंटेज में जो है डिसऑर्डर्स देखने को मिलता है। नेक्स्ट अगर हम लोग बात करते हैं डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज़ का। मींस पूरे तरीके से जो भी डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज है जो कि बच्चे में है वो 10 टू 11% ऑफ ऑल चिल्ड्रन वर्ल्ड वाइड देखने को मिल रहा है। एंड आईडीटी मींस इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर वो देखने को मिल रहा है 3.2% जो कि हम लोग ऊपर बात कर चुके हैं। अब नेक्स्ट जो यहां पे देखने को मिल रहा है वो है एलएमआईसीएस। एलएमआईसीएस का मतलब क्या होता है? लो मिनिमम इनकम कंट्रीज मींस वैसे कंट्रीज जहां पर जो है इनकम लेवल बहुत कम है। जैसे कि इंडिया और यहां पर जो हैविंग हायर रेट्स। यहां पर जो है हायर रेट्स देखने को मिलते हैं। मींस एवरेजली रूप से जो है 13.6% मॉडरेट टू सीवियर डिसेबिलिटीज देखने को मिलता है। किस में? फाइव टू 17 इयर्स वाले ग्रुप में। और मोस्टली रूप से जो है ये मोर कॉमन होता है बॉयज में। मींस बॉयज में बहुत ज्यादा मात्रा में ये देखने को मिलता है। और सीवियर आइडिटी का बात हम लोग करें तो यहां पर हायर मोटिलिटी रेट होता है। मींस जो है बहुत ज्यादा जो है इसकी मृत्यु हो जाती है। ड्यू टू एसोसिएटेड मेंटल कंडीशन। जो है इसके साथ-साथ और भी अलग तरीके के जो मेडिकल कंडीशन होते हैं इस कारण से जो है इसका मोटिलिटी रेट जो है बहुत ज्यादा होता है। तो ये था एपिडेमियोलॉजी जिसके बारे में जो है हम लोग बात कर रहे थे। अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखते हैं क्या इटियोलॉजी मींस कॉजेज़ क्या-क्या होते हैं? किस कारण से जो है इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स देखने को मिलते हैं। और यहां पर हम लोग बहुत सारे कॉजेज़ के बारे में बात करेंगे। क्योंकि ये जो है सिर्फ एक सिंगल कारण से नहीं हो सकता है। तो यहां पर एक वर्ड है जी पी पी पी ई। क्या है? जी पी पी पी ई और इसके माध्यम से हम लोग इसको याद कर सकते हैं। जी फॉर जेनेटिक पी फॉर पैरेंटल पी फॉर पेरिनेटल पी फॉर पोस्टनेटल और ई फॉर एनवायरमेंटल। यहां पर जेनेटिक के माध्यम से भी होगा। पेरिनेटल के माध्यम से होगा। मींस जन्म से पहले भी अगर प्रॉब्लम्स होते हैं तो वहां पे देखने को मिल सकते हैं। पेरिनेटल मींस होता है कि जब जो है मां के पेट में रहे वहां पर हो सकता है। पोस्टनेटल का मतलब होता है कि जब बच्चे हो जाए उसके बाद प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे या फिर एनवायरमेंटल कॉजेज़ के कारण भी जो है यहां पर देखने को मिल सकते हैं। ओके? तो यहां पर सबसे पहले हम लोग बात करते हैं जेनेटिक कॉजेज़ के बारे में। तो यहां पर तुमको देख के थोड़ा सा डर लग रहा होगा। सर इतना ज्यादा इतना ज्यादा कैसे याद कर सकता हूं? देखो, इतना ज्यादा नहीं है। अगर तुमको मन है, तो सिर्फ टॉपिक को याद करो। डाउन सिंड्रोम, फ्रिजाइल एक्स सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, ट्रांसोमी एक्स सिंड्रोम इन सभी को तुम नोट कर सकते हो। लेकिन कोशिश करो लिखने का क्योंकि यहां पर मैं बहुत ही शॉर्टकट तरीके से और इस पीपीटी को बनाने में बहुत ज्यादा मेहनत लगा है। पहली बात है कि बहुत ज्यादा मेहनत लगता है क्योंकि हर एक को टाइप करना पड़ता है और यहां पर जो है सभी चीज को शॉर्टली फॉर्म में दर्शाने का प्रयास किया हूं ताकि तुम इसको समझ सको और एक अच्छा नोट्स जो है अपने पास रखो। अब यहां पर जो कहा गया कि दीज़ आर प्रेजेंट फ्रॉम बर्थ ड्यू टू जींस और क्रोमोजोम्स। तो जो भी जेनेटिक कॉजेस होते हैं वो तो इन्हहेरिटेड होते हैं। मींस अपने माता-पिता से आए हुए प्रॉब्लम्स होते हैं या फिर क्रोमोजोमल प्रॉब्लम्स होते हैं और ये प्रेजेंट होते हैं जन्म के दौरान ही क्योंकि उसके अंदर जो है जब जन्म के दौरान जो है तुम्हारा जीन जो होते हैं, तुम्हारे जेनेटिक्स जो होते हैं, तुम्हारे हेरिडिटी जो होते हैं वहीं पर जो है प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं। ओके? तो क्रोमोजोमल एब्नॉर्मलिटीज के कारण जो है ये सारे प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं। तो पहला होता है क्रोमोजोमल एब्नॉर्मेलिटीज। तो यहां पर जो भी कंडीशन देखने को मिलेंगे जैसे कि हो गया डाउन सिंड्रोम। इसको ट्राईसोमी 21 भी बोला जाता है क्योंकि यहां पर जो है एक एक्स क्रोमोजोम ज्यादा होते हैं। मोस्ट कॉमन कॉज है फ्लैट फेस होता है। मींस फेस जो है यहां पे चौड़ा हो जाता है और सिलेंटिंग आईज देखने को मिलते हैं। नेक्स्ट है फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम। यहां पे बॉयज जो है मोस्टली अफेक्टेड होते हैं। लॉन्ग फेस होता है एंड लार्ज इयर होता है। बड़े-बड़े कार्ब्स होते हैं। नेक्स्ट है टर्नर सिंड्रोम जिसको बोलते हैं एक्स ओ यहां पर ओनली एंड फीमेल फीमेल में देखने को मिलेगा। शॉर्ट स्टेटर होंगे मीन नाटे नाटे होते हैं एंड वेब्ड नेक। वेब्ड नेक का मतलब क्या होता है? एकदम छोटे-छोटे से गर्दन होंगे। गर्दन में जो है थोड़ा सा भी जो है लंबाई नहीं रहेगा। पूरा मोटा सा चिपका हुआ गर्दन रहेगा। नेक्स्ट है ट्राइसोमी एक्स सिंड्रोम। यहां पर एक्स्ट्रा एक्स क्रोमोजोम होता है फीमेल के पास। केट क्राइसिंड्रोम। यहां पर जो बच्चे होते हैं वो जब रोएंगे तो ऐसा चलेगा कि बिल्ली रो रहा है। ठीक है? रोता हुआ बिल्ली के तरीके से आवाज निकालते हैं और यहां पर हाई पिच्ड्ड क्राई लाइक ए केट यहां पर देखने को मिलता है। नेक्स्ट है प्राइडर बिल्ली सिंड्रोम। यहां पे जो बच्चे होंगे वो एक्सेसिव ईटिंग करेंगे। ओबेसिटी में रहेंगे एंड अ स्मॉल हैंड्स एंड फिट्स उसके अंदर देखने को मिलता है। एंड दैट्स ऑल आर द क्रोमोजोमल एब्नॉर्मेलिटीज जिसके कारण जो है यहां पर प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं। ओके? नेक्स्ट यहां पर कह रहा है मेटाबॉलिक डिसऑर्डर। ये भी जो है जेनेटिक कॉजेस के वजह से ही हो रहे हैं। और यहां पर पहला है फिनाइल किटनूरिया पीकेय और यह कांट ब्रेक डाउन फिलाल एलालीन। यहां पर जो है बॉडी जो है फिनाइल एलानिन को सही तरीके से ब्रेकेज नहीं कर पाता है और इस कारण से यहां पर ब्रेन डैमेज देखने को मिलता है। नेक्स्ट है ग्लैक्टोसेमिया। यहां पर ग्लैक्टोसेमिया में क्या होगा? कांट डाइजेस्ट ग्लक्टोज़। यहां पर जो बच्चे होंगे वो ग्लक्टोज़ को जो है सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं कर पाएंगे या फिर उससे एलर्जी होगा। तो मिल्क शुगर से जो है यहां पर उसको एलर्जी होता है या फिर उसको जो है डाइजेस्ट नहीं कर पाते हैं और जिस कारण से ब्रेन एंड लिवर डैमेज देखने को मिलता है। नेक्स्ट है विल्सन डिजीज। विल्सन डिजीज में क्या होगा? कॉपर मेटाबॉलिज्म इशू देखने को मिलेगा और इस कारण से ब्रेन एंड लीवर डैमेज देखने को मिलता है। एंड नेक्स्ट है ब्रेन मालफोर्मेशन यहां पर जो है हाइड्रोसिफलेस देखने को मिलेगा। हाइड्रोसिफलेस क्या होता है? यहां पर जो है हाइड्रो मीन्स होता है। पानी सिफेलेस का मतलब होता है ब्रेन। तो यहां पर एक्स्ट्रा फ्लूइड जो है ब्रेन के अंदर बढ़ जाता है या फिर माइक्रोसिफली होता है वह है स्मॉल ब्रेन साइज जो है जो ब्रेन का साइज है वो बहुत ज्यादा छोटा रह जाता है और दैट्स ऑल आर द जेनेटिक कॉजेस एंड इनहेरिटेड एंड क्रोमोजोलस प्रॉब्लम्स जो कि देखने को मिलते हैं और यही सारे कॉजेस होते हैं जिसके कारण से जो है इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर जो है देखने को मिलता है। तो दैट इज़ द फर्स्ट जेनेटिक कॉजेज़। अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखने को मिल रहा है प्रीनेटल कॉजेस मींस बिफोर बर्थ। बर्थ से पहले क्या-क्या प्रॉब्लम्स हो सकते हैं जिसके कारण से जो है यहां पर ये डिसऑर्डर्स देखने को मिलता है। तो पहला है प्रॉब्लम्स ड्यूरिंग प्रेगनेंसी एफेक्टिंग ब्रेन डेवलपमेंट। तो यहां पे पहला होता है इंफेक्शन। अगर इंफेक्शन हो जाए मां को या फिर बच्चे को बिफोर प्रेगनेंसी हो सकता है रुबेला जर्मन मेजल्स हो गया हो। साइटोमगिलो वायरस का इंफेक्शन हो गया हो। साइफिलिस हो या फिर टोक्सोप्लाज्मोसिस हो तो यहां पे प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे। एंडोक्राइन डिसऑर्डर इन मदर अगर मदर में जो है एंडोक्राइन डिसऑर्डर है जैसे उसको डायबिटीज बहुत ज्यादा मात्रा में है या फिर हाइपोथायरॉइडिज्म है मींस ब्लड प्रेशर जो है बहुत कम है उसका तो भी यहां पे प्रॉब्लम्स देखने को मिल सकते हैं। ओके? नेक्स्ट यहां पे है फिजिकल डैमेज। फिजिकल डैमेज का मतलब क्या हो गया? हो सकता है कि जब वो पेट में हो बच्चा वहां पर रेडिएशन में चला गया हो, इंजरी हो गया हो, एक्सीडेंट हो गया हो, हाइपोक्सिया मींस जो है लेस ऑक्सीजन सप्लाई हो तो यहां पे प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे। नेक्स्ट है टॉक्सिन एंड ड्रग्स। हो सकता है कि जो मां हो बहुत ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेता हो तो वहां पे फ्रिटल अल्कोहल सिंड्रोम हो या फिर स्मोकिंग करता हो, ड्रग्स करता हो, कोकिन लेता हो, या फिर लिड और केमिकल पोइजनिंग अगर हो गया हो, यहां पर भी जो है प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगी। और यहां पर देखने को मिल रहा है प्लासेंटल प्रॉब्लम। प्लासेंटल प्रॉब्लम से क्या होता है? टॉक्सिया और प्रेगनेंसी जैसे प्रीक्लेम्सिया। प्रीक्लेम्सिया में क्या होता है कि जो मदर है उसका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा लो हो जाता है। तो यहां पर सही तरीके से चीजें नहीं होती है और ये सारे चीजें हम लोग कहां पढ़ते हैं? गायनी में पढ़ते हैं और इस चैनल पर भी जो है गायनी के टीचर आने वाले हैं। बहुत जल्दी जो है इसका भी क्लास शुरू होगा। नेक्स्ट है प्लासेंटा प्रीविया। यहां पर जो है प्लासेंटा कवर्स सर्विक्स जो यहां पे प्लासेंटा होता है जो कि जो है सर्विक्स को पूरी तरीके से ढक लेता है और सही तरीके से यहां पर जो है बच्चे निकलने के चांस घट जाते हैं। तो प्लासेंटा प्रीविया होता है। एंड नेक्स्ट यहां पे देखने को मिल रहा है कोड प्रोलेप्स। यहां पे क्या होगा? कोर्ट स्लिप डाउन बिफोर बेबी। बेबी से पहले ही जो है कोड यहां पर निकल जाता है। जिस कारण से जो है बच्चे को निकालने में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम्स होते हैं। और इस कारण से भी जो है यहां पे ये सारे डिसऑर्डर होने के चांसेस होते हैं। नेक्स्ट यहां पे जो देखने को मिल रहा है वो है थर्ड नंबर वो है पेरीनेटल कॉजेस मींस ड्यूरिंग बर्थ। जब बच्चा बर्थ कर रहा होता है उस समय कौन से प्रॉब्लम्स हो सकते हैं? पहला होता है प्रॉब्लम्स एट द टाइम ऑफ डिलीवरी। डिलीवरी का टाइम में जब बच्चे पैदा हो रहे हैं उस समय बर्थ एफेसिया भी हो सकता है। एफेक्सिया क्या होता है? बेबी डजंट गेट इनफ ऑक्सीजन। बच्चे को सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। प्रोलोंग और डिफिकल्ट लेबर बहुत ही डिफिकल्टी से लेबर हुआ है। बहुत ही मेहनत से जो है बच्चे को निकाला गया है। या फिर प्रीमेच्योर बर्थ सही तरीके से मैच्योर नहीं हुआ। पूरा टाइम ना पूरा हो और उससे पहले ही जो है उसके निकाल दिया गया हो तो अंडर डेवलप्ड ब्रेन के कारण भी जो है प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं। अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है क्रेनिक टेररस। यहां पर जो है हाई बिलरुबिन डैमेज ब्रेन। यहां पर बॉडी के अंदर जो है बहुत ज्यादा ब्लरबिन हो जाता है। इस कारण से जो है उसके डैमेज हो जाते हैं क्या? ब्रेन। नेक्स्ट है इंस्ट्रूमेंटल डिलीवरी। अगर जो है नॉर्मली डिलीवरी नहीं हुआ है। इंस्ट्रूमेंटल के सहारे से जो है यहां पर डिलीवरी करवाया गया है। जैसे फोरसेप्स का यूज़ करना, वेकम्स का यूज़ करना। तो यहां पर ब्रेन इंजरी भी जो है हो सकता है और जिस कारण से जो है उस बच्चे के अंदर जो है क्या होता है? डिसऑर्डर्स आने के चांस जो है बढ़ जाते हैं। नेक्स्ट यहां पे देखने को मिल रहा है वो है पोस्ट नेटल कॉजेस। मींस बर्थ हो चुका है। अब बर्थ के हो जाने के बाद कौन से कॉजेस हैं जिसके कारण से डिसऑर्डर्स देखने को मिल रहा है। तो यहां पे पहला होता है इंफेक्शन हो सकता है बच्चे को इंफेक्शन हो जाए। इंसेपेलाइटिस हो जाए, मेनिजाइटिस हो जाए, मीज़ल्स हो जाए या फिर हेड इंजरी हो, कहीं चोट लग गया हो, एक्सीडेंट हो गया हो जिस कारण से जो है ब्रेन डैमेज हो गया हो, पोइजनिंग हो सकता है कोई ऐसा फूड खा लिया हो जहां पर जो है लीड बहुत ज्यादा मात्रा में हो तो वहां पर लीड पोइजनिंग हो जाएगा या फिर सीवियर माल न्यूट्रिशन के कारण भी जो है यहां पर जो है ब्रेन डेवलपमेंट को जो है इफ़ेक्ट होता है और इस कारण से डिसऑर्डर्स देखने को मिल सकते हैं। नेक्स्ट है एनवायरमेंटल एंड सोशियो कल्चरल फैक्टर। मीन इंसान का एनवायरनमेंट कैसा है? उसका सोशियो कल्चरल फैक्टर कैसा है? ये भी जो है डिपेंड करता है इंसान के क्या मेंटल डिसऑर्डर्स में या फिर जो है इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स में। कैसे कॉज करता है? तो यहां पे पहला कह रहा है कि लो सोशियोइकोनॉमिक स्टेटस मीनंस पुअर न्यूट्रिशन रहेगा। लैक ऑफ हेल्थ केयर रहेगा। अगर उसके मां-बाप के पास सही तरीके से पैसे नहीं है, जरा सा भी खाने-पीने का खर्च नहीं है, तो वो बच्चे को सही तरीके से न्यूट्रिशन नहीं दे पाएगा। अगर बच्चे को सही तरीके से न्यूट्रिशन नहीं मिला, तो बच्चे में सही तरीके से विकास नहीं होगा और इसके कारण जो है यहां पर जो है प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे। नेक्स्ट है पूअर एस्टिमूलेशन अगर बच्चे को जो है सही तरीके से स्टिमुलेट नहीं किया जाए। सही तरीके से खिलौने नहीं दिए जाए। यहां पर इसको स्कूलिंग ना करवाया जाए तो यहां पर जो बच्चे का जो विकास होना चाहिए था। मानसिक विकास वो पूरे तरीके से नहीं होता है। तो बच्चे को खेलना भी बहुत जरूरी है। बच्चे को स्कूल जाना भी बहुत जरूरी है और बच्चे को पढ़ना भी जरूरी है। बहुत सारे जो मां-बाप होते हैं वो बच्चे को एकदम से खेलने ही नहीं देते हैं। तो अगर खेलने नहीं दोगे तो उसका मानसिक विकास कैसे होगा? किस-किस तरीके से तरह-तरह के स्ट्रेटजी को सीखेगा। उसका दिमाग दौड़ेगा। कंपटीशन यह सारी चीज जो है बच्चे खेलने के बाद ही सीख पाते हैं। नेक्स्ट है चाइल्ड अब्यूज एंड नेगलेक्ट। अगर बच्चे को जो है बहुत ज्यादा अब्यूज किया जाए, ट्रोमा दिया जाए, नेगलेक्ट किया जाए। मींस उस पे ध्यान नहीं दिया जाए। यहां पर इमोशनल एंड फिजिकल डिपिवेशन भी जो है देखने को मिल सकता है। और इस सब कारण से जो है यहां पे इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स यहां पे देखने को मिल सकते हैं। तो हम लोगों ने जो है इतने सारे कॉजेज़ को देखा जिसके कारण से जो है आईडीटी देखने को मिलता है। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर हमें देखने को मिल रहा है बिहेवियरल मैनिफेस्टेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स मींस आईडी। अब यहां पर जो है हम लोग देखेंगे सभी तरीके के इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर को। चाहे वो माइल्ड हो, चाहे वो मॉडरेट हो, सीिवियर हो, प्रोफाउंड हो, किस तरीके से होता है, कैसे होता है? क्या-क्या चीज देखने को मिलता है? इन सभी चीज़ के बारे में हम लोग थोड़ा डिटेल से देखने वाले हैं। डरना नहीं है कि इतना सारा चीज है। बिल्कुल हल्का चीज है। एकदम सा हल्का कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस देखना है, समझना है, फील करना है बाकी तुम खुद से इसको लिख पाओगे। ओके? तो, यहां पे पहला है प्रिवेलेंस। यह मोस्ट कॉमन है और यह माइल्ड आइडेंटिटी जो है मींस जो है 85 टू 90% देखने को मिलता है और ऐसे बच्चे में जो आईक्यू होता है वो 50 टू 70 देखने को मिलते हैं। ओके? तो यहां पर पहला कह रहा है की आइडियाज क्या है इसका? तो की आइडियाज क्या है? दे कैन लर्न एंड वर्क बट विद सम गाइडेंस। ये जो माइल्ड आईडीटी वाले बच्चे होंगे ये खुद से लर्न कर सकते हैं। मींस याद कर पाएंगे, काम भी कर पाएंगे। लेकिन यहां पर उसको थोड़ा सा गाइडेंस का जरूरत होता है। ओके? मींस ये पहला होता है अगर हम लोग बात करते हैं सेल्फ केयर का। तो ये खुद से खा सकते हैं। खुद से ड्रेस कर सकते हैं। खुद से नहा सकते हैं। इंडिपेंडेंटली हो करके मींस इसको जो है लोगों का जरूरत नहीं चाहिए। बट मे नीड हेल्प ड्यूरिंग स्ट्रेस। लेकिन अगर उसको जो है थोड़ा सा स्ट्रेस आएगा तो वो स्ट्रेस को हैंडल नहीं कर पाएगा। इसलिए उस दौरान जो है इसको थोड़ा सा हेल्प चाहिए होता है। एजुकेशन का बात करें तो कैन लर्न अप टू प्राइमरी स्कूल लेवल मींस जो है क्लास फाइव तक जो है ये अच्छे तरीके से पढ़ लेगा। उसके बाद जो है इसमें थोड़े प्रॉब्लम्स देखने को मिलेंगे। मे डू सिंपल वोकेशनल जॉब जो छोटा-छोटा जॉब होता है ये सारे को यह कर सकते हैं। जैसे गार्डनिंग हो गया, पैकेजिंग हो गया, क्लीनिंग हो गया। इन सभी को जो है वो अच्छे तरीके से कर पाते हैं। तो अभी जो नया वाला मूवी आया हुआ है सितारे जमीन पर ये भी आमिर खान वाला है। यहां पे बहुत सारे बच्चे को दिखाया गया है और वो सारे जो है बास्केटबॉल को खेलते हैं। उसको सही तरीके से सिखाया जाता है कि किस तरीके से क्या करना है। अलग-अलग बच्चे होते हैं जिसको अलग-अलग तरीके के जो है मेंटल डिसऑर्डर्स हो गए होते हैं और उन सभी को जो है बास्केटबॉल का ट्रेनिंग दिया जाता है। ओके? तो इस मूवी को जाकर देखना अच्छे तरीके से तुमको समझ में आएगा कि किस-किस तरीके के डिसऑर्डर्स देखने को मिलते हैं। नेक्स्ट है सोशल स्किल का अगर हम लोग बात करते हैं तो अंडरस्टैंड बेसिक सोशल नॉर्म्स ये जो है सोशल नॉर्म्स को समझ पाएगा। सोशल रूल्स को समझ पाएगा और मेंटेन करेगा फ्रेंडशिप को बट नीड गाइडेंस लेकिन इसको गाइडेंस का जरूरत होता है डिफिकल्ट सिचुएशन में। मोटर स्किल का बात करें तो ऑलमोस्ट नॉर्मल सभी काम को कर पाएगा। स्लाइट कोऑर्डिनेशन इशू देखने को मिलेगा। जैसे कि अगर सपोर्ट करना हो या फिर कंप्लेक्स टास्क करना हो तो यहां पर वो खुद से नहीं कर पाता है। एंड वर्क एंड मनी का बात करें तो कैन वर्क अंडर सुपरविज़न। अगर इसको सुपरविज़न में रखा जाए तो अच्छे तरीके से वर्क कर पाएगा। एंड कैन मैनेज अ स्मॉल मनी। छोटे-छोटे मनी को जो है वो मैनेज कर सकता है। बट नीड गाइडेंस फॉर बिग अमाउंट। लेकिन अगर बिग अमाउंट हो तो यहां पर उसको हेल्प चाहिए। और गोल क्या है इसका? तो गोल है कैन लीव सेमी इंडिपेंडेंटली विथ मिनिमम सपोर्ट। जितना कम से कम सपोर्ट उसको मिले और उतना में ही जो है अगर वो सेमी इंडिपेंडेंटली तरीके से जी सके तो यहां पर जो है हम लोग माइल्ड आईडी को जो है सही तरीके से जो है हम लोग क्लियर कर सकते हैं। तो ये होता है पहला माइल्ड आईडीडी मींस माइल्ड इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर और इसके आईक्यू होते हैं 50 टू 70। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर नेक्स्ट देखते हैं जिसका नाम है मॉडरेट आईडीडी मींस मॉडरेट इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। और यहां पर जो इस इंसान का आईक्यू होता है वो 35 टू 50 होता है। ओके? और ये प्रिविलेंस का अगर हम लोग बात करते हैं तो ये अबाउट 10% मीन जो है 10% लोगों में देखने को मिलता है पूरे डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स के 10% पीपल्स में। तो यहां पे पहला इसका की आइडियाज है कि नीड हेल्प इन डेली लाइफ्स बट कैन लर्न बेसिक टास्क। ये जो है डेली लाइफ में भी जो है इसको हेल्प चाहिए होता है। ठीक है? अपने से वो डेली लाइफ्स के टास्क को अच्छे तरीके से नहीं कर पाएगा। इसको थोड़ा हेल्प चाहिए होता है। लेकिन कैन लर्न बेसिक टास्क लेकिन जो भी बेसिक टास्क होते हैं उन सभी को यह खुद से कर सकता है। उसके बाद सेल्फ केयर का बात करें तो कैन ईट एंड ड्रेस विद सुपरविजन। यह जो है अपने से खा लेगा। अपने से ड्रेसिंग कर लेगा। लेकिन इसको थोड़ा सा सुपरविजन चाहिए होता है। ओके? नीड हेल्प फॉर बाथिंग इसको नहाने में जो है मदद चाहिए या फिर अपने आप को हाइजीन मेंटेन करने में भी जो है इस इंसान को मदद चाहिए होता है। एजुकेशन का बात करें तो कैन एक्टिव ग्रेड टू लेवल ऑफ एजुकेशन मीन जो है यहां पर दूसरा क्लास तक जो है ये सही तरीके से पढ़ लेगा। नेक्स्ट है यहां पर ट्रेंड बाय शेल्टर्ड वर्कशॉप जॉब। यहां पर जो है अगर इसको शेल्टर्ड वर्कशॉप जॉब दिया जाए तो ये अच्छे तरीके से कर लेता है। जैसे कि हो गया पैकिंग करना, सॉर्टिंग करना, सिंपल असेंबली करना ये सारे काम जो है अच्छे तरीके से कर पाता है। सोशल स्किल का बात करें तो यहां पर लिमिटेड होता है। मींस जो है लिमिटेड सोशल स्किल होता है। लिमिटेड स्पीच होता है। मींस बहुत कम बोलेगा। अंडरस्टैंड कर पाएगा सिंपल इंस्ट्रक्शन को। अगर जो है इसको तुम इंस्ट्रक्शन दोगे तो थोड़ा-थोड़ा माध्यम से जो है ये समझ पाएगा। एंड स्ट्रगल विद सोशल रूल्स। ये सोशल रूल्स को ज्यादा तरीके से समझ नहीं पाता है। एंड नीड्स कंटीन्यूअस सुपरविजन। और इसको जो है कंटीन्यूअस सुपरविजन में रखा जाता है। और मोटर स्किल का बात करें तो डिफिकल्टी इन ग्रॉस मोटर कोऑर्डिनेशन। अगर जो है छोटे-छोटे काम करना हो, कोई चीज खेलना हो, कोई चीज बनाना हो, पेंटिंग करना हो, ये सारे ये नहीं कर पाएंगे। एंड लिमिटेड फिजिकल एक्टिविटीज ही जो है ये कर पाते हैं। वर्क एंड मनी का बात करें तो कांट हैंडल पॉकेट मनी। ये अपने पॉकेट मनी को भी हैंडल नहीं कर सकता है। कहां गया, कहां से आया, कितना खर्चा हुआ, किसको देने के बाद कितना लेना है? इन सभी में जो है इसको बहुत ज्यादा प्रॉब्लम्स देखने को मिलते हैं। इसका गोल क्या होगा? तो कैन नॉट लिव अलोन ये तो सबसे पहला है कि अकेला जी नहीं सकता है। बट कैन डू सिंपल टास्क अंडर सुपरविजन। अगर यह सुपरविजन में रहने के बाद सिंपली तरीके से टास्क को कर ले, तो यहां पर जो हम लोग समझेंगे कि हां यहां पर जो है चीजें अच्छे तरीके से चल रही है। एंड दैट इज कॉल्ड द मॉडरेट आइडडी मींस मॉडरेट इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर जिसका आईक्यू होता है 35 टू 50। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर जो है नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है सीवियर आईडी मींस सीवियर इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। और यहां पर जो इस इंसान का आईक्यू देखने को मिलेगा वो है 20 टू 35। बहुत ही ज्यादा कम हो गया है। प्रिवेलेंस क्या है? रेयर है। बहुत ही रेयर माध्यम में जो है ये देखने को मिलता है। की आइडियाज क्या है? इसको रिक्वायर्ड फुल टाइम केयर इस इंसान को जो है पूरा टाइम जो है यहां पर एक आदमी चाहिए। लर्न ओनली बेसिक सिर्फ बेसिक को यह लर्न कर सकता है। यहां पर सेल्फ केयर का मतलब है नीड्स कंप्लीट असिस्टेंट। पूरा इसको एक असिस्टेंट चाहिए। चाहे वह ड्रेसिंग करना हो, बापिंग करना हो, खाना हो या फिर मे लर्न वन और टू हाइजीन स्किल। यहां पर जो है वह एक या दो हाइजीन स्किल को ही सीख सकेगा। चाहे वो वाशिंग हैंड्स हो, चाहे वो ब्रशिंग हो, चाहे वो कुछ भी हो। मींस अपने डेली लाइफ के एक्टिविटीज को भी जो है अपने हाइजीन को भी जो है वो अच्छे तरीके से खुद से मेंटेनेंस नहीं कर पाएगा। एजुकेशन का बात करें तो कैन लर्न अ फ्यू वेरी बेसिक स्किल। कुछ बेसिक स्किल को ही सीख जाए। वही कॉपी है। जैसे ऑब्जेक्ट को आईडेंटिफाई करना यह क्या है? ग्लास है, यह कटोरी है, यह सेब है, यह अंगूर है। ये सब जान पाएगा और कलर्स को पहचान पाएगा। ठीक है? कौन सा कलर्स है इसको जान पाएगा। सोशल स्किल का बात करें तो वेरी लिटिल स्पीच मीन बहुत कम बोलेगा। मोस्टली कम्युनिकेट करेगा विद गेस्चर मीन जो है वो इशारे से बात करेगा। या फिर जो है बहुत कम साउंड से जो है वो बात करने का प्रयास करेगा। और यहां पर रिलाई ऑन केयरिवर फॉर मोस्ट इंटरेक्शन। जितना भी इंटरेक्शन करना हो उन सारे चीज पर जो है यहां पर केयर कीपर भी जो है वो डिपेंडेंट रहता है। नेक्स्ट है मोटर स्केल का बात करें तो पुअर मोटर एबिलिटीज होगा यहां पे। इवन सिंपल मूवमेंट एंड नीड गाइडेंस यहां पर जो है अपने से वो सिंपल मूवमेंट भी नहीं कर पाएगा। यहां तक कि वो लूडो तक भी जो है नहीं खेल पाता। कुछ भी नहीं कर पाता है। एकदम पूरे तरीके से दूसरे पे डिपेंडेंट रहेगा। ओके? अब नेक्स्ट यहां पे बात करते हैं वर्क एंड मनी का। तो कैन नॉट मैनेज एनी मनी। कोई भी मनी को जो है मैनेज नहीं कर पाएगा। कंप्लीटली डिपेंडेंट ऑन फैमिली। पूरे तरीके से फैमिली पे डिपेंडेंट रहेगा। एंड इसका जो गोल होता है वो है डिपेंडेंट फॉर ऑलमोस्ट एवरीथिंग। मींस सभी चीज पे ये पूरे तरीके से डिपेंडेंट होता है। और यहां पर नीड होता है कांस्टेंट केयर। यहां पर हम लोग कुछ नहीं कर सकते हैं। इसको केयर चाहिए ही चाहिए। ठीक है? अब नेक्स्ट यहां पर देखने को मिलता है फोर्थ नंबर का एंड द लास्ट पार्ट वो है प्रोफाउंड आइडेंटिटी मींस प्रोफाउंड इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर। और जिसका आईक्यू 20 से भी लेस हो। पूरा लेस हो। यहां पर की आईडिया होता है टोटली डिपेंडेंट और अदर मींस जो है पूरे तरीके से दूसरे पे डिपेंडेंट हो जाना। यहां पर उस बच्चे को कलर भी पहचान में नहीं आएगा। सेल्फ केयर का बात करें तो 24 /7 नर्सिंग केयर रिक्वायर्ड होता है कैन नॉट परफॉर्म ऑन एनी सेल्फ हेल्प एक्टिविटी। खुद से अपना कोई भी काम नहीं कर पाएगा ऐसे बच्चे। नेक्स्ट है एजुकेशन का बात करें तो नो बेनिफिट फ्रॉम फॉर्मल एजुकेशन। यहां पर जो है फॉर्मल एजुकेशन से भी कोई बेनिफिट नहीं होता है। कैन ओनली रिसोंड टू बेसिक सेंसरी स्टिमुलेशन। ये जो है टच के माध्यम से समझ जाए कि कोई तुमको बुला रहा है या फिर उसको साउंड दे या हां हूं कर दे। यही काफी है उस एजुकेशन में। ओके? सोशल स्किल का बात करें यहां पर तो नो स्पीच कोई स्पीच नहीं होगा। मिनिमल इमोशनल रिस्पांस देखने को मिलता है। अनेबल टू डेवलप सोशल बिहेवियर। कोई भी तरीके का जो है सोशल बिहेवियर यहां पर डेवलप नहीं कर पाएगा। मोटर स्किल का बात करें तो नो फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल यहां पर जो है किसी भी तरीके का फाइन ग्रॉस मोटर स्केल नहीं होगा। खुद से पानी पी ले मींस जो है उठा ले चीजों को सड़का ले ये सारा चीज कर सकता है। लेकिन ओपेन एसोसिएटेड विद सीवियर फिजिकल एबिलिटीज। जब भी इस तरीके का जो है प्रोफाउंड इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स इंसान को होते हैं उसके साथ-साथ जो है अलग-अलग फिजिकल डिफिकल्टीज होते हैं। जैसे ब्लाइंडनेस हो गया, डिफनेस हो गया या फिर इंसान को सीजर भी आ रहे होते हैं। तो इस कारण से जो है मोटिलिटी रेट भी जो है इंसान का ज्यादा हो जाता है। ओके? नेक्स्ट है वर्क एंड मनी का बात करते हैं। तो यहां पे कंप्लीटली डिपेंडेंट फॉर फाइनेंसियल एंड पर्सनल नीड्स। अपने पर्सनल नीड्स के लिए या फिर फाइनेंसियल के लिए जो है पूरे तरीके से दूसरे पर जो है कंप्लीटली डिपेंडेंट होता है। गोल क्या है? तो गोल है इंश्योर करना, कंफर्ट को, हेल्थ को एंड सेफ्टी को थ्रू लाइफ लॉन्ग केयर। पूरा लाइफ लोंग केयर जो है यहां पे इंसान को देना पड़ेगा तभी जो है वो थोड़ा बहुत जो है सर्वाइव कर सकता है। अदर वाइज इसका मोटिलिटी रेट तो ज्यादा है। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर हम लोग देखते हैं साइन सिम्टम्स। तो, हम लोगों ने इतने सारे बात किए कि किस तरीके से जो है इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स होते हैं। कितने टाइप के होते हैं? उसमें जो जो भी पर्सन होते हैं जिसको ये सारे डिसऑर्डर्स हुए होते हैं वो किस-किस तरीके के एक्टिविटीज को कर सकते हैं? अब यहां पे हम लोग बात करते हैं कि जब ऐसे इंसान का बात करें तो यहां पे साइन एंड सिम्टम्स क्या-क्या देखने को मिलेगा। तो यहां पर एक वर्ड है वो है डी स्केंप्प। डी स्कैं्प और यहां पर डी का मतलब होता है डेवलपमेंटल, एस का होता है स्पीच, सी से होता है कॉग्निटिव, एस से होता है एडप्टिव, एम से होता है मोटर एंड पी से होता है साइकोलॉजिकल। तो इतने सारे प्रॉब्लम्स जो है यहां पर देखने को मिलते हैं। को चाहे वो डेवलपमेंटल हो, स्पीच प्रॉब्लम्स हो, कॉग्निटिव हो, एडप्टिव हो, मॉडर हो या फिर साइकोलॉजिकल हो। अब की फीचर्स के बारे में बात करते हैं कि कौन-कौन से साइन एंड सिम्टम्स जो है एग्जैक्टली तरीके से यहां पर देखने को मिलेंगे। ओके? तो यहां पर सबसे पहला बोल रहा है फेलियर टू एक्टिव डेवलपमेंटल माइलस्टोन। यहां पर जो बच्चे हैं वो अपने डेवलपमेंटल माइलस्टोन को जो है सही तरीके से एक्टिव नहीं कर पाएंगे। यहां पे फेल हो जाएंगे। तो डेवलपमेंटल माइलस्टोन क्या होता है? जब तुम पीडियाट्रिक्स में पढ़ोगे जब तुम पीडेटिक को पढ़ रहे होगे तो वहां पे तुमको पता चलेगा कि किस तरीके से डेवलपमेंटल माइलस्टोन काम करता है। मीनंस इसको सिंपल तरीके से अगर मैं तुमको समझाने का प्रयास करूं तो एक बच्चा जिसका माइलस्टोन होता है कि वो 1 साल में क्या करेगा? 2 साल में क्या-क्या करना शुरू कर देगा। 3 साल में क्या-क्या एबिलिटी उसके अंदर आएंगे। तो क्या उस बच्चे को जो जनरल रूप होता है कि 1 साल बच्चे होने के बाद जो है ये पर्टिकुलर चीज को करना शुरू कर देगा। जैसे चलना शुरू कर देगा या फिर इशारे करने शुरू हो जाएंगे। छिपे हुए ऑब्जेक्ट को वो समझ पाएगा। क्या उस सारे माइलस्टोन को ये एक्सपायर कर पाता है या फिर नहीं कर पाता है। तो अगर उसका डेवलपमेंटल माइलस्टोन जो है एक्टिव नहीं कर पा रहा है तो यहां पर प्रॉब्लम्स देखने को मिल रहे हैं। जैसे सही तरीके से सिंग करना, बैठ पाना, वाकिंग कर पाना, टॉकिंग कर पाना ये सारे चीज़ में जो है ये सारे बच्चे जो है फेल हो जाएंगे। एंड दैट इज़ फर्स्ट साइन एंड सिम्टम्स। सेकंड होता है कॉग्निटिव डेफिसिट। मीन यहां पर जो है कॉग्निटिव प्रोसेस जो है सही तरीके से वर्क नहीं करेगा बच्चे का। डिफिकल्टी फॉलोइंग कमांड्स जो भी कमांड्स दोगे उसको सही तरीके से जो है वो फॉलो नहीं कर पाएगा। पुअर रीजनिंग इसका होगा। किसी भी तरीके का क्वेश्चन नहीं करेगा। उसके बाद है पुअर एकेडमिक परफॉर्मेंस। यहां पर बच्चे जो है अच्छे तरीके से परफॉर्मेंस नहीं कर पाएंगे। चाहे वो स्कूल हो चाहे वो प्ले स्कूल हो। रिड्यूस्ड एबिलिटी टू लर्न। यहां पर जो है वो अच्छे तरीके से सीख नहीं पाएगा। लैंग्वेज इशू देखने को मिलेगा। एक्सप्रेसिव स्पीकिंग एंड द रिसेप्टिव अंडरस्टैंडिंग प्रॉब्लम्स। मीन यहां पर जो है इंसान अच्छे तरीके से बोल नहीं पाएगा। यहां पे अच्छे तरीके से समझ नहीं पाएगा। नेक्स्ट है साइको मोटर डेफिसिट मीन जो है उसके अंदर जो है बिल्कुल कम मात्रा में वो मूवमेंट करेगा। खुद से हिलेगा नहीं। ज्यादातर मात्रा में वो उछलता कूदताज़ नहीं नज़र आएगा या फिर अच्छे तरीके से खेल नहीं पाएगा क्योंकि जो है पुअर कोआर्डिनेशन इसके अंदर देखने को मिलते हैं। ओके? नेक्स्ट है यहां पर सेल्फ केयर डिफिकल्टी यहां पर जो है अपने आप का केयर भी नहीं कर पाता है क्योंकि सेल्फ केयर डिफिकल्टीज देखने को मिलेंगे तो नीड हेल्प फॉर डेली एक्टिविटीज डेली एक्टिविटीज में जो है इंसानों का हेल्प चाहिए होता है। न्यूरोलॉजिक इशू देखने को मिलेगा। सीजर हो या फिर एब्नॉर्मल रिफ्लेक्सेस हो ये सारे इश्यूज देखने को मिलेंगे। नेक्स्ट है इमोशनल सिम्टम्स का बात करें तो लो सेल्फ स्टीम बिल्कुल ही सेल्फ स्टीम जो है एकदम लो रहेगा। डिप्रेशन में भी बचा चला जाता है या फिर मूड स्विंग्स देखने को मिलेंगे। नेक्स्ट है बिहेवियरल साइन तो बात करें तो इरिटेबिलिटी मींस जो है बहुत ज्यादा इरिटेट रहेगा एक्टिंग आउट व्हेन फ्रस्ट्रेटेड अगर वो किसी चीज को नहीं कर पाएगा या फिर उसको हेल्प नहीं मिल पाएगा तो वो पूरे तरीके से फ्रस्ट्रेट हो जाएगा एंड लेक ऑफ क्यूरोसिटी मींस एक बच्चा होता है कि हर एक चीज को जानने का प्रयास करना प है किस तरीके से चल रहा है कैसे हो रहा है ये सारे क्यूरोसिटी जो होते हैं उसके अंदर नहीं होते हैं तो लेस इंटरेस्ट इन सराउंडिंग अपने सराउंडिंग में जो है बहुत कम इंटरेस्ट जो है इस बच्चे के अंदर अंदर देखने को मिलेंगे। ओके? तो दैट्स ऑल आर द साइन एंड सिम्टम्स व्हिच इज़ सिंग अंडर द इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स टाइप ऑफ़ चाइल्डस। ओके? अब हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर देखने को मिलता है डायग्नोसिस। तो डायग्नोस किस-किस तरीके से करेंगे? तो पहला यहां पे होता है मल्टीस्टेप एप्रोच। मींस कोई एक एप्रोच से जो है हम लोग यहां पे पता नहीं लगा सकते हैं। क्योंकि एक बच्चा है वो खुद से बोलेगा भी नहीं। और सिम्टम्स भी जो है बहुत कम देखने को मिलते हैं। तो, पहला होता है हिस्ट्री कलेक्शन करना। सारे हिस्ट्री को पता करेंगे। चाहे उसके पेरेंट्स से हो, केयर गिवर्स से हो, किस तरीके से बोलता है? किस तरीके से करता है? क्या वो अपने माइलस्टोनस को पूरा किया है? डेवलपमेंटल माइलस्टोन को टच कर पाता है या फिर नहीं कर पाता है? इन सभी चीज के बारे में यहां पे हमें उसके केयर की से उसके मदद से जो है पता करना होता है। ओके? नेक्स्ट यहां पे कह रहा है फिजिकल एंड न्यूरोलॉजिकल एग्जामिनेशन। तो यहां पर उसको एग्जामिनेशन करेंगे। चाहे वो हो सकता है कि उसके अंदर किसी तरीके का सिंड्रोम हो या फिर जो है ब्रेन एब्नॉर्मेलिटीज हो। तो अगर ऐसा है तो यहां पर जो है साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर तो बिल्कुल भी नहीं है। माइलस्टोन असेसमेंट यहां पर जो है क्या बच्चे जो है अपने नॉर्मल डेवलपमेंटल चार्ट को जो है सही तरीके से कंपेयर कर पाता है। मींस वहां तक पहुंच पाता है या फिर नहीं पहुंच पाता है। जिस बच्चे को जिस ऐज में जो चीज करना चाहिए वह कर पा रहा है या फिर नहीं कर पा रहा है। उन सारी चीज को जो है यहां पे मिलाना होता है। नेक्स्ट है इन्वेस्टीगेशन। अब यहां पे इन्वेस्टिगेशन भी करेंगे। चाहे वहां पे करना हो यूरिन एंड ब्लड टेस्ट जिसके माध्यम से हम लोग पता करेंगे मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को। क्या उसके अंदर पीकेयू है? या फिर हाइपरथायरॉइडिज्म भी है क्या? साइटोजेनेटिक स्टडीज होता है जहां पे क्रोमोजोमल डिफेक्ट को हम लोग पता कर पाते हैं। क्या इंसान के अंदर डाउन सिंड्रोम है? या फिर एमनीओसिंटेसिस होता है, क्रोनिक विलाई सैंपलिंग ये सारे जो है जब बच्चे मां के पेट के अंदर होते हैं उसी समय किया जाता है इन्वेस्टिगेशन ताकि प्रीनेटल जेनेटिक स्क्रीनिंग अच्छे तरीके से हो पाए। नेक्स्ट है ईईजी यहां पर जो है अगर सीजर प्रेजेंट रहता है मां में या फिर बच्चे में तो ये भी जो है यहां पे करवाया जाता है। नेक्स्ट है सीटी एंड एमआरआई ब्रेन डिटेक्ट स्ट्रक्चरल ब्रेन एब्नॉर्मेलिटीज अगर ये सारे प्रॉब्लम्स देखने को मिल रहे हैं तो पहला होता है कि उसका एमआरआई ब्रेन स्कैनिंग करवाया जाए कि हो सकता है कि ब्रेन में कुछ प्रॉब्लम्स हो जिसके कारण से जो है यहां पर ये सारे चीज जो है देखने को मिल रहा हो। नेक्स्ट है हियरिंग एंड स्पीच इवैल्यूएशन। ये भी करवाते हैं। अब नेक्स्ट यहां पे देखने को मिल रहा है वो है थायरॉइड फंक्शन टेस्ट। तो यहां पर हम लोग जो है अगर सस्पेक्ट कर रहे हैं कि यहां पर इंसान को हो सकता है कि क्रिटिसनिज्म हो गया है। तो यहां पर भी जो है हम लोग टी एफ टी करवाते हैं। तो यहां पे क्या होता है जो क्रिटिसनिज्म होता है यहां पे बहुत सारे चीज देखने को मिलते हैं। हो सकता है कि बच्चे के अंदर जो है आयोडीन डेफिशिएंसी हो या फिर जो है थायरॉइड हॉर्मोन जो है बहुत कम हो गया हो। तो यहां पर जो है हम लोग जो है क्रिटिनिज्म को जो है हम लोग सस्पेक्ट कर सकते हैं। नेक्स्ट यहां पे है साइकोलॉजिकल टेस्टिंग। साइकोलॉजिकल टेस्टिंग में आता है स्टैनफोर्ड बायनेट एंड डब्ल्यूआईएस जिसके माध्यम से जो है हम लोग बच्चे के सभी चीज को टेस्ट करते हैं। चाहे उसके साइको मोटर एबिलिटीज हो चाहे जो है उसके अंदर के कॉग्निटिव प्रोसेस हो इन सभी चीज को जो है सही तरीके से डिटेक्ट करना बहुत सारे टेस्ट होते हैं। उन सभी टेस्ट के माध्यम से जो है हम लोग यहां पे पता करते हैं। फिर आईक्यू कैलकुलेशन भी करना होता है कि बच्चे के अंदर जो है कितना ज्यादा मात्रा में जो है आईक्यू है और उसके हिसाब से हम लोग पता लगा पाते हैं कि अगर जो है उसके अंदर जो है ये सारे प्रॉब्लम्स हैं तो कौन से टाइप्स के हैं? माइल्ड वाले हैं, मॉडरेट वाले हैं, सीबीयर वाले हैं या फिर प्रोफाउंड वाले हैं। इन सभी चीज का जो है हम लोग यहां पे पता करवाते हैं। ओके। अब यहां पर जो हम लोग नेक्स्ट देखते हैं वो है इसका ट्रीटमेंट मॉडिलिटीज। तो ऐसे कौन-कौन से ट्रीटमेंट मॉडिलिटीज है जिसके माध्यम से जो है इस बच्चे का ट्रीटमेंट किया जाता है? तो पहला जो गोल होता है वो गोल होता है मैक्सिमाइज इंडिपेंडेंस मीन बच्चे जो है अपने आप से सारे काम को कर पाए। ये पहला गोल होता है कि अपने लाइफस्टाइल जो भी उसके जो है डेली के एक्टिविटीज है इसको अपने तरीके से कर पाए एंड स्किल एंड सोशल इंटीग्रेशन अपने अंदर जो है स्किल ले पाए और जो है सोशल इंटीग्रेशन जो है सही तरीके से कर पाए। ये होता है पहला गोल। यहां पे होता है बिहेवियर मैनेजमेंट। इंसान के बिहेवियर को मैनेज करना। चाहे जो है पॉजिटिव रिइंफोर्समेंट के माध्यम से हो, चाहे वो टोकन इकॉनमी के माध्यम से हो। अगर वो कोई अच्छा काम करता है तो उसे कुछ जो है वहां इनाम के रूप में देना है ताकि उस बिहेवियर को जो है बार-बार करे। पॉजिटिव रीइंफोर्समेंट करना है। मींस अगर किसी बिहेवियर को अपना पाता है तो वहां पे उसको शाबाशी देना है। वहां तुम कर सकते हो। तुमसे ये हो जाएगा। इससे क्या होता है कि बिहेवियर मैनेजमेंट अच्छे तरीके से होता है। ओके। नेक्स्ट अब होता है स्पीच एंड लैंग्वेज ट्रेनिंग जो कि जो है बहुत इंपॉर्टेंट है। नेक्स्ट है एनवायरमेंटल सुपरविजन। उसको सेफ जगह पे है कि नहीं, कहां पे है स्ट्रक्चर ट्रेनिंग दिया जाता है। स्ट्रक्चर सेटिंग में रखा जाता है। स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम उसके द्वारा चलाए जाते हैं ताकि जो है उसको कॉग्निटिव एंड सोशल स्किल सिखाया जा सके। अर्ली इंटरवेंशन, अर्ली इंटरवेंशन का मतलब क्या होता है? कि जब 3 साल से कम के हो तभी जो है क्रिटिकल पीरियड होते हैं। अगर उस समय जो है तुम उसको सही तरीके से देखकर कर पाए या फिर पता लगा पाए कि हां उसको इस तरीके का बीमारी है। उसको अच्छी तरीके से इलाज दे पाया तो हो सकता है कि यह ठीक भी हो जाए। फैमिली थेरेपीस देते हैं। चाहे वो रिड्यूस गिल्ट हो या फिर स्ट्रेस हो। इंप्रूव कॉपिंग के लिए यहां पर जो है फैमिली थेरेपीस भी दिया जाता है। वोकेशनल ट्रेनिंग दिया जाता है ताकि जो है स्किल कर सके किसी एंप्लॉयमेंट के लिए एंड मेडिकल केयर भी दिया जाएगा। चाहे उसके साथ अगर किसी भी तरीके का जो है एसोसिएटेड कंडीशन हो, चाहे उसके अंदर जो है एपिलेप्सी देखने को मिल रहे हो, हाइपरथायरॉइडिज्म देखने को मिल रहा है। हाइपोथायरॉइडिज्म देखने को मिल रहा है। एडीएचडी है मूड डिसऑर्डर है। तो ये सारे में जो है यहां पर मेडिकल केयर भी दिया जाता है और यह है फर्स्ट ट्रीटमेंट मॉडलिटीज। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है प्रिवेंशन। तो सबसे पहले जो है हमको प्रिवेंशन करना होता है कि ऐसे कौन-कौन से चीज है जिसको जो है हमें प्रिवेंट करना है ताकि बच्चों के अंदर जो है ये सारे चीजें ना देखने को मिले। ओके? तो पहला है प्राइमरी प्रिवेंशन। तो यहां पे बिफोर प्रॉब्लम्स स्टार्ट। इससे पहले कि प्रॉब्लम्स स्टार्ट हो उससे पहले ही जो है हमें प्राइमरी प्रिवेंशन करना होता है। जैसे जेनेटिक काउंसलिंग आइडेंटिफाई रिस्क बिफोर कंसेप्शन। बच्चे जब वहां पर जो है कंसीव कर लिया है मां तो वहां पर जो है हम लोग जेनेटिक काउंसलिंग करवा सकते हैं कि क्या बच्चे के अंदर जो है डाउन सिंड्रोम है। किसी तरीके का जो है जेनेटिक एब्नॉर्मेलिटीज है वहां पे हम लोग पता लगा सकते हैं। नेक्स्ट है इम्यूनाइजेशन करवाना चाहे जो है हो सकता है मैटरनल रूबेला वैक्सीनेशन हो वो सारे वैक्सीन को यहां पे देना होता है। मैटरनल न्यूट्रिशन जब मां है जब जो है वो प्रेगनेंसी में है तो उसको अच्छे तरीके से जो है न्यूट्रिशन देना अवॉयड माल न्यूट्रिशन। नेक्स्ट है अवॉयड टेट्रेटोजेंस यहां पर जो है मां को कहना है अल्कोहल से दूर रहने के लिए ड्रग्स से दूर रहने के लिए रेडिएशन से दूर रहने के लिए क्योंकि इसी कारण से जो है बच्चे के अंदर जो है अलग-अलग तरीके के चीज जो है देखने को मिलते हैं। इसीलिए जब मां जो है प्रेग्नेंट होती है तो वहां पर जो है आयरन सप्लीमेंट दिया जाता है या फिर फोलिक एसिड ट्रीटमेंट जो है दिया जाता है और वो भी जो है लंबे समय तक जो है फोलिक एसिड के टैबलेट जो है खाने होते हैं और इन सभी चीज को जो है तुम लोग गायनी में पढ़ोगे। ओके? नेक्स्ट स्टेप होता है सेकेंडरी प्रिवेंशन। सेकेंडरी प्रिवेंशन में क्या होता है? अर्ली डिडक्शन मींस जो है अगर यहां पर जो है इंसान को डिसऑर्डर हो गया है तो जितना जल्दी से जल्दी हो सके उस डिसऑर्डर के बारे में पता लगा पाए कि जितना जल्दी पता लगा पाएगा उतना जल्दी ही जो है ठीक होने के चांसेस होते हैं। तो स्क्रीनिंग न्यू बोर्न फॉर पीकेयू हाइपोथायरॉइडिज्म यहां पे पता करना है। अर्ली इंटरवेंशन स्टार्ट थेरेपी एस सून एज डिले डिटेक्टेड। जितना देर से डिटेक्ट करोगे वहां पे उतना ही प्रॉब्लम्स देखने को मिलेगा। और जैसे ही डिटेक्ट हो जाए उसी समय से थेरेपी स्टार्ट कर देना। ओके? नेक्स्ट यहां पे देखने को मिल रहा है टर्शरी प्रिवेंशन। तो यहां पे देखने को मिलता है रिहबिलिटेशन। तो रिहबिलिटेशन में होता है वोकेशनल, फिजिकल एंड सोशल रिहबिलिटेशन या फिर जो जितने भी लीगल राइट हैं वो भी जो है इन सभी को दिया जाता है। जैसे कि पीडब्ल्यूडी एक्ट हो या फिर नेशनल ट्रस्ट एक्ट हो। ये सारे जो है गवर्नमेंट के द्वारा बनाया गया है। जहां पर विकलांग मनुष्यों को या फिर विकलांग बच्चे को जो है एक्स्ट्रा अधिकार दिया जाता है। चाहे वो नौकरी हो या फिर अदर-अदर जगह हो जहां पर जो है उसको ज्यादा मात्रा में जो है चीजें को दिए जाते हैं ताकि वो भी जो है सर्वाइव कर सके और हमारे समाज का हिस्सा बन सके। ओके? अब नेक्स्ट यहां पे चलते हैं और यहां पर नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है केयर एंड रिहबिलिटेशन ऑफ आईडी। जो इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर के पेशेंट होते हैं उसका किस तरीके से केयर करना होता है? किस तरीके से रिहबिलिटेशन करना होता है। यहां पर कुछ इंपॉर्टेंट इंपोर्टेंट चीज के बारे में हम लोग बात करते हैं। तो पहला जो मेन कंपोनेंट है वहां पे है अर्ली डिडक्शन एंड अस्टिमुलेशन जो कि इंपॉर्टेंट है। इसके बारे में बात कर चुके हैं। रेगुलर असेसमेंट करते रहना है। कितना उसका आईक्यू लेवल है? क्या है? क्या प्रॉब्लम्स हैं? उन सभी को बात करना है। फैमिली सपोर्ट एंड काउंसलिंग, एजुकेशन एंड वोकेशनल ट्रेनिंग। नेक्स्ट है मेडिकल एंड साइकेट्रिक सर्विसेज एंड हाउस एंड सोशल सपोर्ट। ये तो मेन कंपोनेंट है जो कि यहां पर हमें देखने को मिलता है और जो कि इंपॉर्टेंट है जो कि बच्चे को दिया जाए। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है केयर एप्रोचेस। तो केयर एप्रोचेस क्या होता है? अगर जो है माइल्ड आइडिटी वाला पेशेंट है बच्चा है तो मोस्टली उसको होम केयर देना चाहिए और मे नीड हेल्प विद जॉब हाउसिंग और वहां पर जो है चाहे उसको जॉब पाने में हो चाहे या फिर जो है हाउसिंग करने को हो वहां पर उसको नीड होता है या फिर हेल्प का जरूरत होता है। लेकिन अगर जो है सीवियर आइडेंटिटी है तो यहां पर लाइफ लॉन्ग सपोर्ट चाहिए। चाहे वो डे केयर के माध्यम से हो, रेस्पाइट केयर के माध्यम से हो या फिर जो है कम्युनिटी इंटीग्रेशन के माध्यम से हो वहां पर उसको सपोर्ट चाहिए ही चाहिए होता है। नेक्स्ट यहां पे जो देखने को मिल रहा है वो है एजुकेशन एंड स्किल ट्रेनिंग। तो एजुकेशन एंड स्किल ट्रेनिंग का अगर हम लोग बात करते हैं तो यहां पर जो एम होता है वो होता है एजुकेट इन नॉर्मल एंड स्पेशल स्कूल। बच्चे को जो है नॉर्मल या फिर स्पेशल स्कूल में जाकर पढ़ाना ताकि उसको थोड़ा बहुत एजुकेशन तो मिल सके ताकि वह भी जो है संसार को समझ पाए। यहां पे ट्रेनिंग टिप्स होता है ब्रेक इंटू स्मॉल स्टेप्स। जो भी चीज सिखाना हो उसका बेसिक स्किल सिखाना हो उसको छोटे-छोटे फ्रेगमेंट में जो है तोड़ करके जो है उसको सिखाया जाता है। नेक्स्ट है रिपीट एंड रीइंफोर्स बार-बार रिपीटेडली तरीके सिखाते हैं या फिर उसको रीइंफोर्स करते हैं। स्टार्ट विद नॉन स्किल ऐसे असिल जिसको जो है वो थोड़ा बहुत जानता है वहीं से स्टार्ट करना होता है। रिवार्ड एफोर्ड अगर वो कोई चीज को अच्छे तरीके से सीख पाता है तो वहां पे इनाम के रूप में उसको कुछ दिया जाता है। नेक्स्ट है इनवॉल्व पीियर वहां पर उसके जो भी दोस्त होते हैं उसको भी वहां पे सम्मिलित किया जाता है। नेक्स्ट है नो एज लिमिट फॉर ट्रेनिंग। और यहां पर ट्रेनिंग के लिए जो है कोई भी ऐज लिमिट नहीं है। जब भी पता चल जाए कि इंसान जो है इंटेलेक्चुअल डिसऑर्डर में है तो वहां पर जो है शुरुआत हम लोग कर सकते हैं। वोकेशनल ट्रेनिंग क्या होता है? यहां पे वर्क प्रिपरेशन हो चाहे वो जो है वर्क प्रिपरेशन के बाद जो है प्लेसमेंट देना हो या फिर फॉलो अप करवाना हो। यहां पर सारे चीज का हेल्प किया जाता है। और यहां पर एग्जांपल के तौर पे है मित्र स्पेशल स्कूल बेंगलुरु। ये एक स्पेशल स्कूल है जो कि जो है स्पेशल चाइल्ड के लिए बनाया गया है। ओके नेक्स्ट यहां पे जो देखने को मिल रहा है वो है हेल्प फॉर फैमिलीज़। तो उसके फैमिली को भी जो है हेल्प करना होता है। चाहे वो एक्सप्लोर करना हो प्रोग्नोसिस के बारे में रिसोर्सेज के बारे में किस-किस तरीके से चीज जो है सुधर सकती है। क्या-क्या चीज का जो है इसको जरूरत है या फिर स्टेज ऑफ़ काउंसलिंग होता है। जैसे कि इंफॉर्मेशन देना किस-किस तरीके से चीज जो है पेशेंट को समझाना है, पेशेंट के फैमिलीज़ को समझाना है, एटीट्यूड किस तरीके से चेंज करना है, ट्रेनिंग रोल क्या होगा? किस तरीके से जो है अपने बच्चे को संभालना है क्योंकि वो स्पेशल है तो वहां पे स्पेशली तरीके से संभालना होता है। इन सभी चीज को जो है यहां पर अच्छे तरीके से दिए जाते हैं। ओके। अब यहां पर हम लोग नेक्स्ट चलते हैं और यहां पर बात होता है कॉमन एफएक्यू का जो कि इंपॉर्टेंट है। यहां पर जो पेरेंट्स होते हैं या फिर जो है बहुत सारे नॉर्मल लोग होते हैं। इसके बहुत सारे क्वेश्चंस होते हैं। जैसे कि इज आइडेंटिटी इज़ अ मेंटल इलनेस? क्या जो इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स है ये मेंटल इलनेस है? तो पहला आता है नो। यह नहीं है। नेक्स्ट है इज इट क्यूरेबल? क्या इसको ठीक कर सकते हैं? नो इसको ठीक नहीं कर सकते हैं। लेकिन जो है अगर अर्ली इंटरवेंशन दिया जाए तो यहां पर हेल्प मिल सकता है। नेक्स्ट है कैन मैरिज सॉल्व द प्रॉब्लम्स? क्या अगर बच्चे का शादी कर दे तो क्या प्रॉब्लम्स सही हो जाएंगे? बिल्कुल नहीं होंगी और भी ज्यादा कॉम्प्लिकेट हो जाएंगे। नेक्स्ट है विल दे बिकम नॉर्मल विद एज। क्या जो है एज के साथ ये नॉर्मल होगा? कहा गया नहीं ये नॉर्मल नहीं होगा। नेक्स्ट है इज इट इनफेक्शस क्या इनफेक्शन के कारण हुआ है? नहीं। इंटेक्शन हेल्प इंप्रूवमेंट। इंटेक्शन के कारण जो है यहां पे इंप्रूवमेंट हो सकता है। लेकिन ये इन्फेक्शन के कारण जो है नहीं हुआ है। नेक्स्ट है कैन दे लर्न एनीथिंग? तो यस विद सिस्टमैटिक ट्रेनिंग से जो है ये चीज़ों को सीख सकता है। इज इट ड्यू टू कर्मा? क्या कर्मा के कारण यह हुआ है? क्या कोई गलत काम किया था? पिछले जन्म से किया था। क्या इस कारण से हुआ है? तो, नो अर्ली ट्रेनिंग इंप्रूव आउटकम। अगर जो है अर्ली ट्रेनिंग दिया जाए तो यहां पर आउटकम इंप्रूव हो सकते हैं। यह अर्ली कर्मा के कारण नहीं हुआ है। यह मां-बाप के जेनेटिक इशू के कारण देखने को मिल सकता है या फिर और भी अदर कॉजेस हो सकते हैं। ओके? अब यहां पर जो नेक्स्ट देखने को मिल रहा है वो है रेजिडेंशियल केयर। तो यहां पर डे केयर सेंटर हाफ वे होम्स इसके माध्यम से यहां पर जो है उसको सपोर्ट किया जाता है। या फिर उसके फैमिलीज़ को सपोर्ट करना। हु कैन नॉट मैनेज हैवी केयर गिविंग बर्डन। अगर जो है उसके फैमिली जो है अपने बच्चे को नहीं संभाल पा रहे हैं। पूरे दिन बिजी रहता है बच्चे में ही। तो वहां पर फैमिलीज़ को सपोर्ट करना भी रहता है ताकि जो है अपना लाइफ को भी जो है अच्छे तरीके से संभाल सके। तो हम लोगों ने सारे चीज को देखा, सब चीज को देखा। चाहे वो इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर क्या होता है? कॉजेस क्या होते हैं? ट्रीटमेंट मोलिस क्या होता है? कौन-कौन से थेरेपीज़ होते हैं? टाइप होते हैं? साइन एंड सिम्टम्स होते हैं, सभी चीज़ के बारे में हम लोगों ने बात किया। अब एट द लीस्ट हम लोग नर्सिंग मैनेजमेंट के बारे में बात करते हैं जो कि बहुत इंपॉर्टेंट है। ओके यहां पर अगर हम लोग बात कर रहे हैं नर्सिंग मैनेजमेंट का तो पहला होता है असेसमेंट। हमें असेसमेंट करना होता है चाहे जो है उसके अर्ली साइन ऑफ कॉग्निटिव डिले हो। मींस जो है हो सकता है कि वो पुअर आई कांटेक्ट करता हो। आई कांटेक्ट सही तरीके से नहीं कर रहा हो। इरिटेबिलिटी उसके अंदर देखने को मिल रहा हो। नॉन रिस्पांसिव बिहेवियर देखने को मिल रहा हो। इन सभी अर्ली साइन को यहां पे चेक करना है। एक्सेस करना होता है फैमिली कोपिंग इंटक्शन इंडिपेंडेंस लेवल जो बच्चे हैं कितना ज्यादा मात्रा में जो है इंडिपेंडेंस है या फिर इंटक्शन किस तरीके से करता है। फैमिली को किस तरीके से कोप करता है अगर फैमिली गुस्सा हो गया तो किस तरीके से उसको मनाता है या फिर डॉक्यूमेंट डेली लिविंग स्किल अपने लिविंग स्किल को जो है किस तरीके से जो वो जीता है उन सभी को यहां पे डॉक्यूमेंट करना है। नेक्स्ट अभी देखने को मिल रहा है साइकोलॉजिकल इवैल्यूएशन। तो साइकोलॉजिकल इवैल्यूएशन में हमें करना होता है कि बच्चे इंटक्ट किस तरीके से कर रहे हैं। अपॉर्चुनिटीज़ फॉर लर्निंग अगर जो है उसे सीखने का मौका मिलता है तो क्या वो जो है उसमें इंटरेस्ट लेता है या फिर नहीं लेता है। फिर बात आती है इंटरवेंशन का। तो यहां पर जो है सेट इंडिविजुअलाइज़ रियलिस्टिक गोल विद फैमिली। जो भी रियलिस्टिक गोल है हमें जो है बहुत ज्यादा नहीं सोचना है। हमें बस इतना पता होना चाहिए कि कितना लेवल तक हम इसको सही कर सकते हैं। तो एक रियलिस्टिक गोल रखना है फैमिली के साथ और सेट इंडिविजुअलाइज तरीके से हर एक पेशेंट के लिए जो है अलग-अलग तरीके के गोल को बनाना है। टीच इनफेंट स्टिमुलेशन यहां पर इनफेंट को जो है एस्टिमुलेट करना होता है। एडीएलएस मींस एक्टिविटी फॉर डेली लिविंग उसको सिखाना होता है कि अपने डेली लिविंग को किस तरीके से सही कर सकते हैं। यूज़ ऑपरेंट कंडीशनिंग टेक्निक। एक ऑपरेंट कंडीशनिंग टेक्निक का मतलब होता है कि अगर बच्चे जो है कोई अच्छे तरीके से कर रहे हो काम या फिर किसी चीज में सक्सेस पा गया हो तो वहां पर कुछ जो है यहां पर क्या देना है इनाम के तौर पे कुछ चॉकलेट्स देने हैं या फिर जो है कुछ वहां पर देना है ताकि वो अपने बिहेवियर को फिर से कंटिन्यू रख पाए ये होता है ऑपरेंट कंडीशनिंग टेक्निक्स ओके नेक्स्ट यहां पे होता है टीच सोशल स्किल यहां पर जो है सोशल स्किल को टीच करना होता है चाहे वो सेक्सुअलिटी एजुकेशन हो विद फैमिली इन्वॉल्वमेंट तो यहां पर जो है अच्छे तरीके से यहां पर जो है सेक्सुअलिटी एजुकेशन देना होता है सोशल स्किल देना होता है। इनकरेज स्ट्रक्चरर्ड वर्क प्रोग्राम। यहां पर जो है स्ट्रक्चरर्ड वर्क प्रोग्राम के लिए जो है यहां पे इनकरेज करना। कोई पर्टिकुलर काम में यहां पे रखना ताकि जो है उस काम को एक प्रोसेस को सिखा देना कि हां भाई तुमको यहां से लेके जाना है। यहां पे रखना है। फिर ये पर्टिकुलर चीज को करना है। वही काम जो है तुमको बार-बार करना है। तो इस स्ट्रक्चरर्ड वर्क प्रोग्राम के लिए उसको इनकरेज करना है। मेंटेन करना है नॉन थ्रेटनिंग सपोर्टिव एनवायरमेंट। क्या करना है? नॉन थ्रेटनिंग सपोर्टिव एनवायरमेंट के लिए जो है यहां पे मेंटेन करके रखना है ताकि जो कोई जो है गुस्सा ना दिलाए। उसको कोई डांटे नहीं। उसको कोई जो है फटकारे नहीं और जो है जो एनवायरमेंट हो उसके सपोर्टिव में हो। उसको सभी लोग जो है एक अच्छे तरीके से इज्जत दे या फिर अच्छे तरीके से जो है अपने लाइफ को जी पाए। ओके? तो आज के लेक्चर में जो हम लोगों ने देखा वो था चाइल्डहुड एंड एडोलेसेंस डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स या फिर हम लोग यहां पे बात करते हैं इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स। इन सभी के बारे में अच्छे तरीके से बात किया। इसके टाइप्स को जाना और सभी चीजों के बारे में हम लोगों ने देखने का प्रयास किया। क्या होता है? किस तरीके से होता है? किस तरीके से मैनेजमेंट करते हैं? किस तरीके से ट्रीटमेंट मोडोलिटीज होता है? इन सभी चीज के बारे में हम लोगों ने अच्छे तरीके से बातें किए और समझने का प्रयास किया। तो ये लेक्चर तुमको कैसा लगा? कितना समझ में आया? कितना समझ में नहीं आया? कौन से क्वेश्चन तुम्हारे मन में रह गए हैं? उन सारे क्वेश्चंस को नीचे क्या करना है? कमेंट करना है और कमेंट जरूर करना है क्योंकि इसी से मुझे मोटिवेशन मिलता है। तो वीडियो को लाइक करो, शेयर करो अपने ऐसे दोस्तों को जिसको साइकोलॉजी या फिर साइकेट्री समझ में नहीं आता है और यहां पर जो है चैनल को सब्सक्राइब करना है। ओके थैंक यू।
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Lecture Notes- https://drive.google.com/file/d/1cDsQitFLNdkT_BbihN9JyjJj4IAbm-GE/view?usp=sharing
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IMPORTANT Links :-
Full Mental Health Nursing syllabus Playlist For Bsc Nursing And GNM : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3GpsMqpe77uqm-egcgcJr_g
UNIT 1 – Introduction of Mental health Nursing : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3ETJfsRq9U0nToqZHrOCwyz
UNIT 2 – Principles and Concepts of Mental Health Nursing : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3H2rpXLuups2pTxoSgrVRF6
UNIT 3 – Assessment of Mental health status : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3FCLeKOBfLRRy46wi3Je_F3
UNIT 4 – Therapeutic communication and nurse-patient relationship : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3HOPqu0Fnch8vjOcf5c02Nq
UNIT 5 – Treatment modalities and therapies used in mental disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3FA9KMCAjUMe2BOeiOkyHsv
UNIT 6 – Nursing management of patients with Schizophrenia, and other psychotic disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3Fr9jcl_lsy-etIsIIffiJ3
UNIT 7 – Nursing management of patients with mood disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3FDNiiE4hkGgcrrknQ2HfP6
UNIT 8 – Nursing management of patients with neurotic, stress related and somatization disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3EfqhxXPye0_VU5YTXyyXAN
UNIT 9 – Nursing management of patients with substance Use Disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3H9j4Gmh5YxlsC6LQtkUOUo
UNIT 10 – Nursing management of patients with Personality, Sexual and eating disorders : https://www.youtube.com/playlist?list=PLssDqFb6Zn3FiQkB0OkA83zn8OfL0wK2L
UNIT 11 – Nursing management of Childhood and Adolescent Disorder Including Mental Deficiency :
Key Topics Covered:-
Childhood & Adolescent Psychiatric Disorders
ICD-11 CLASSIFICATION CHART
Intellectual Developmental Disorder (IDD)
Definition Of Intellectual Developmental Disorder
Classification (Based on IQ)
Epidemiology
Etiology (Causes) of Intellectual Developmental Disorder
1. Mild IDD
2. Moderate IDD
3. Severe IDD
4. Profound IDD
Signs & Symptoms Of IDD
Diagnosis Of IDD
Treatment Modalities Of IDD
Prevention Of IDD
Care & Rehabilitation of IDD
Nursing Management Of IDD
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CHAPTERS:
00:00 Intro
01:35 Childhood & Adolescent Psychiatric Disorders
09:03 ICD-11 CLASSIFICATION CHART
15:27 Intellectual Developmental Disorder (IDD)
19:26 Definition Of Intellectual Developmental Disorder
22:48 Classification (Based on IQ)
24:29 Epidemiology
26:12 Etiology (Causes) of Intellectual Developmental Disorder
36:23 1. Mild IDD
39:46 2. Moderate IDD
42:26 3. Severe IDD
44:37 4. Profound IDD
46:38 Signs & Symptoms Of IDD
50:35 Diagnosis Of IDD
53:43 Treatment Modalities Of IDD
55:54 Prevention Of IDD
58:24 Care & Rehabilitation of IDD
01:03:18 Nursing Management Of IDD
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